भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि तकनीक के क्षेत्र में वह किसी से पीछे नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट “बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: अंतर-संचालनीयता का मूल्य” में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाला देश घोषित किया गया है। इस कामयाबी का श्रेय मुख्यतः यूपीआई (Unified Payments Interface) को जाता है, जिसने डिजिटल पेमेंट की दुनिया में क्रांति ला दी है।
क्या है UPI?
यूपीआई यानी एकीकृत भुगतान इंटरफेस एक ऐसा डिजिटल सिस्टम है जो एक से अधिक बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप से जोड़ने की सुविधा देता है। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने वर्ष 2016 में लॉन्च किया था। UPI की सबसे खास बात यह है कि इसके जरिए आप किसी को भी 24x7, रियल-टाइम में पैसे भेज सकते हैं, वो भी बिना किसी बैंक विजिट के।
सिर्फ एक क्लिक में आप किराने की दुकान पर, ऑटो वाले को या अपने किसी दोस्त को आसानी से भुगतान कर सकते हैं। यह सुविधा अब क्रेडिट/डेबिट कार्ड और कैश पेमेंट को तेजी से रिप्लेस कर रही है।
भारत में हर महीने 18 अरब से ज्यादा का ट्रांजैक्शन
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर महीने UPI से करीब 18.39 अरब ट्रांजैक्शन होते हैं। पिछले साल इसी अवधि (जून 2024) में यह आंकड़ा 13.88 अरब था। यानी 32% की वृद्धि एक साल में देखने को मिली है। ये आंकड़ा अपने आप में दर्शाता है कि भारत की जनता ने डिजिटल पेमेंट को कितना तेजी से अपनाया है।
UPI की ये प्रणाली अब 491 मिलियन उपयोगकर्ताओं और 65 मिलियन से अधिक व्यापारियों को सेवा प्रदान कर रही है। साथ ही, भारत के 675 से अधिक बैंक इस एक ही प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं।
भारत के कुल डिजिटल भुगतान में से 85% हिस्सा UPI से होता है। इतना ही नहीं, पूरी दुनिया के रीयल-टाइम डिजिटल पेमेंट में भारत का हिस्सा 50% से भी अधिक है।
भारत के बाहर भी बढ़ा UPI का दायरा
यूपीआई सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा है। अब यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहा है। भारत के नागरिक अब विदेशों में भी UPI के जरिए भुगतान कर पा रहे हैं।
UPI को इन 7 देशों में लागू किया जा चुका है:
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
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सिंगापुर
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भूटान
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नेपाल
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श्रीलंका
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मॉरीशस
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फ्रांस
फ्रांस में UPI के आने से वहां यात्रा या काम करने वाले भारतीयों को अब विदेशी मुद्रा लेनदेन में आसानी हो रही है। किसी भी इंटरनेशनल कार्ड या ट्रैवल फॉरेक्स की जरूरत नहीं पड़ती। सिर्फ मोबाइल और QR कोड से पेमेंट करना संभव है।
क्यों है UPI इतना सफल?
1. सरलता और पहुंच:
UPI की सबसे बड़ी खूबी इसकी सादगी और सुलभता है। इसमें बैंकिंग सेवाएं मोबाइल पर एक क्लिक में उपलब्ध हो जाती हैं।
2. बिना लागत के सेवा:
ज्यादातर UPI ट्रांजैक्शन शून्य शुल्क (Zero Charges) पर होते हैं, जिससे छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को फायदा होता है।
3. इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability):
कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक या वॉलेट का उपयोग करके किसी अन्य बैंक को पेमेंट कर सकता है। इससे ट्रांजैक्शन में सुविधा और स्पीड दोनों बढ़ती है।
4. सुरक्षा:
हर ट्रांजैक्शन में PIN आधारित ऑथेंटिकेशन, OTP, और बायोमैट्रिक जैसे सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाती है।
डिजिटल इंडिया का असली उदाहरण
UPI की सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया योजना के सपनों को साकार करती है। आज छोटे शहरों, गांवों और यहां तक कि दूर-दराज के इलाकों में भी लोग QR कोड स्कैन कर भुगतान कर रहे हैं।
यूपीआई ने एक तरफ जहां कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा दिया है, वहीं दूसरी ओर देश की वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को भी ताकत दी है।
निष्कर्ष
भारत का डिजिटल पेमेंट लीडर बनना सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह एक आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत सफलता है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा और तकनीक के मेल से करोड़ों लोगों की जिंदगी को आसान बनाया जा सकता है।
अब जब भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है, तो आने वाले समय में UPI इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम में एक मजबूत ग्लोबल ब्रांड बनकर उभर सकता है।
तो अगली बार जब आप QR कोड स्कैन करके चायवाले को पेमेंट करें, तो गर्व से कहिए – “यह है डिजिटल भारत!”