कनाडा में इन दिनों G7 शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन हो रहा है। इस वैश्विक मंच पर दुनियाभर के सबसे शक्तिशाली देशों के नेता एकत्र हुए हैं और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। हालांकि, इस समिट के दौरान उस वक्त बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समिट बीच में ही छोड़कर अचानक अमेरिका लौट गए।
ट्रंप के फैसले से मचा हलचल
ट्रंप के इस अचानक उठाए कदम की पुष्टि व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी Karoline Leavitt ने की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप को अमेरिका में कई जरूरी और गंभीर मुद्दों पर तत्काल ध्यान देना था, इसी कारण उन्होंने G7 समिट को बीच में ही छोड़ दिया। हालांकि, उनके इस कदम के पीछे ईरान को लेकर कोई बड़ा सैन्य या कूटनीतिक फैसला लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
सिचुएशन रूम के आदेश से बढ़ी चिंता
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को सिचुएशन रूम तैयार रखने का आदेश दिया है। यह रूम उच्चतम स्तर की सुरक्षा और गोपनीयता के साथ किसी भी युद्ध, आतंकवादी हमले या अंतरराष्ट्रीय संकट की स्थिति में उपयोग में लाया जाता है। अगर इस रूम को एक्टिवेट करने का निर्देश दिया गया है, तो यह संकेत है कि अमेरिका अब ईरान को लेकर किसी बड़े कदम की तैयारी कर रहा है।
इजरायल-ईरान युद्ध पर ट्रंप का आक्रामक रुख
G7 समिट में ट्रंप की मौजूदगी के दौरान उनका रुख खासा आक्रामक रहा। इजरायल-ईरान युद्ध पर जब संयुक्त बयान जारी करने की बात आई, तो ट्रंप ने G7 के उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया जिसमें सभी देशों ने संयम और शांति का संदेश दिया था।
समिट छोड़ने से पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा –
“ईरान युद्ध हार रहा है। मैंने उन्हें 60 दिन दिए थे, 61वें दिन परिणाम सामने है। तेहरान के नागरिकों को तुरंत शहर खाली कर देना चाहिए। ईरान को बातचीत करनी थी, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है।”
यह बयान इशारा करता है कि ट्रंप ईरान के साथ किसी भी तरह के सौम्य या समझौता आधारित रवैये के पक्ष में नहीं हैं और अब एक निर्णायक कार्रवाई की ओर बढ़ना चाहते हैं।
परमाणु डील पर खिंचाव
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ में ईरान की परमाणु डील का मुद्दा है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान को जो प्रस्ताव दिया था, उस पर हस्ताक्षर कर लेना चाहिए था। अब अगर ईरान बातचीत की कोशिश करता है, तो भी अमेरिका कोई भी नया प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने कहा था कि बातचीत की संभावना खत्म नहीं हुई है, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने यह साफ कर दिया कि अब वह ईरान से किसी भी प्रकार की बातचीत या समझौते के लिए तैयार नहीं हैं।
मीडिया से बात करने से भी किया परहेज
G7 समिट की समूह तस्वीर के बाद मीडिया ने ट्रंप से जब समिट छोड़कर जाने का कारण पूछा, तो उन्होंने केवल इतना कहा:
“मुझे वापस जाना है। जो आप देख रहे हैं, वही मैं भी देख रहा हूं और मुझे जल्द से जल्द अमेरिका लौटना है।”
यह बयान और भी संदेह बढ़ा देता है कि अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई बड़ा कदम उठाया जाने वाला है, और ट्रंप इस फैसले को स्वयं नेतृत्व करना चाहते हैं।
निष्कर्ष
G7 जैसे वैश्विक मंच से अमेरिका के राष्ट्रपति का इस तरह अचानक लौट जाना कोई सामान्य घटना नहीं है। यह संकेत देता है कि अमेरिका और ईरान के बीच टकराव किसी निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप किस रणनीति के तहत ईरान के खिलाफ कदम उठाते हैं और इससे वैश्विक राजनीति की दिशा क्या मोड़ लेती है।
एक बात तो तय है—दुनिया एक बार फिर किसी बड़े भू-राजनीतिक घटनाक्रम की ओर बढ़ रही है।