मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक निजी स्कूल द्वारा रविवार के बजाय शुक्रवार (जुमा) को साप्ताहिक अवकाश घोषित करने के आदेश पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मालवीय चौक इलाके में संचालित अंजुमन इस्लामिया इंग्लिश मीडियम स्कूल के इस आदेश को भारतीय जनता पार्टी (BJP) अल्पसंख्यक मोर्चा ने 'तुगलकी फरमान' बताते हुए जिला कलेक्टर से शिकायत की है, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन बैकफुट पर आ गया है।
नए सत्र के लिए जारी हुआ था 'जुमा' अवकाश का आदेश
विवाद की शुरुआत तब हुई जब अंजुमन इस्लामिया स्कूल ने नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एक नया आदेश जारी किया। यह मैसेज स्कूल प्रबंधन के ग्रुप में जुड़े अभिभावकों के मोबाइल पर भेजा गया था, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि अब से स्कूल शुक्रवार को बंद रहेगा और रविवार को खुला रहेगा। इस आदेश के सामने आते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने इसे राज्य की शिक्षा नीति के खिलाफ बताते हुए तत्काल वापस लेने की चेतावनी दी, जिससे प्रशासन भी सक्रिय हो गया।
विवाद बढ़ने पर स्कूल प्रबंधन ने दी सफाई और वापस लिया फैसला
मामले को बढ़ता देख, अंजुमन इस्लामिया प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अन्नू अनवर ने सफाई पेश की और तुरंत फैसला बदलने की घोषणा की। अध्यक्ष अनवर ने बताया कि अंजुमन के तहत कुल छह स्कूल चलते हैं, जिनमें से अधिकांश में पहले से ही शुक्रवार की छुट्टी और रविवार को आधा दिन स्कूल खोलने का नियम था। हालांकि, बड़ा ताल स्थित अंजुमन इस्लामिया स्कूल में रविवार को पूर्ण छुट्टी रहती थी। उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को स्कूल में बच्चों की कम उपस्थिति के कारण जुमे को छुट्टी रखने का निर्णय मीटिंग में लिया गया था।
अन्नू अनवर ने कहा, "हमने सिर्फ बच्चों के भविष्य और उनके हित में यह निर्णय पहले लिया था, लेकिन अब हमने तय किया है कि हम इस आदेश को निरस्त करते हैं। अब हम शुक्रवार को स्कूल लगाएंगे और रविवार को छुट्टी रखेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि यह आदेश लगभग 10 महीने पहले जारी किया गया था, लेकिन तब किसी ने आपत्ति नहीं जताई थी। मौजूदा शिकायत के कारण वे अपना फैसला बदल रहे हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी ने शुरू की जांच
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है। जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने जानकारी दी कि वे अंजुमन इस्लामिया प्रबंधन के बाकी स्कूलों के बारे में भी जानकारी जुटाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की नियमावली (Rules and Regulations) को समझने के बाद इस पूरे मामले की विस्तृत जांच और कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, स्कूल प्रबंधन ने अपना फैसला वापस ले लिया है, जिससे यह विवाद थमता नज़र आ रहा है, लेकिन इस घटना ने निजी स्कूलों के साप्ताहिक अवकाश के नियमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।