ताजा खबर

अब नहीं चलेगी चीन की मनमानी, भारत ने Rare Earth के लिए बना लिया नया प्लान

Photo Source :

Posted On:Tuesday, June 10, 2025

हाल ही में चीन ने रेयर अर्थ धातुओं (Rare Earth Metals) के निर्यात पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे वैश्विक औद्योगिक बाजार में हलचल मच गई है। नियोडिमियम, डाइस्प्रोसियम, टेरबियम जैसी ये महत्वपूर्ण धातुएं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, स्मार्टफोन, विंड टरबाइन्स और मिसाइल सिस्टम जैसे अत्याधुनिक तकनीकों में उपयोग होती हैं। दुनिया की लगभग 90% रेयर अर्थ प्रोसेसिंग चीन के नियंत्रण में होने की वजह से इस प्रतिबंध का प्रभाव कई देशों पर व्यापक रूप से पड़ा है। भारत जैसे विकासशील देशों के उद्योग इस संकट का सामना कर रहे हैं। लेकिन भारत ने केवल चिंता जताने की बजाय इसे आत्मनिर्भरता का अवसर बनाते हुए ठोस रणनीतियों के साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।


चीन के प्रतिबंध ने दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला को हिला दिया

चीन के इस कदम ने वैश्विक सप्लाई चेन को चुनौती दी है क्योंकि रेयर अर्थ धातुएं नई तकनीकों के लिए आधार हैं। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से लेकर रक्षा उपकरणों तक, हर क्षेत्र में इन धातुओं की जरूरत बढ़ रही है। चीन के इस प्रतिबंध ने कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को अनिश्चितता में डाल दिया है। भारत में भी इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा उद्योगों में अस्थिरता देखने को मिली है।


भारत का जवाब: आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस पहल

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस संकट को भारत के लिए एक वेक अप कॉल बताया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि भारत अब रेयर अर्थ के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा। इसके लिए भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम जैसे देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी पर काम शुरू कर दिया है ताकि वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों को सुनिश्चित किया जा सके।

पीयूष गोयल ने स्विट्जरलैंड के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए बताया कि भारत घरेलू स्तर पर भी रेयर अर्थ धातुओं की खोज और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहा है। इसके लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत संबंधित उद्योगों को सहयोग देने की भी योजना बनाई है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।


खनिज संसाधनों की खोज और निवेश को बढ़ावा

गोयल के मुताबिक, पहले जिन खनिज संसाधनों को कम प्राथमिकता दी जाती थी, अब वे राष्ट्रीय सुरक्षा और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बन गए हैं। भारत ने आंध्र प्रदेश, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में रेयर अर्थ धातुओं की खोज के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही सरकार ने निजी क्षेत्र को इस क्षेत्र में निवेश के लिए भी प्रोत्साहित किया है ताकि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को तेजी से हासिल किया जा सके।


वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका

भारत पर वर्षों से रेयर अर्थ धातुओं की आपूर्ति के लिए चीन की निर्भरता रही है, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। चीन की पाबंदियों ने भारत को न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता बल्कि रणनीतिक स्वतंत्रता की दिशा में सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह परिवर्तन भारत के लिए दीर्घकालीन आर्थिक और सुरक्षा लाभ लेकर आएगा।

विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत न केवल अपने लिए इन धातुओं का उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभरेगा। इस तरह भारत की वैश्विक औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला में भूमिका और मजबूत होगी।


इन्दौर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. indorevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.