बांग्लादेश में हाल ही में राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच, ढाका में सैन्यकर्मियों और सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद तख्तापलट की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं। हालांकि, इन अफवाहों के बावजूद, सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान और अंतरिम सरकार के नेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने अभी तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। विश्लेषकों का मानना है कि जनरल वकार-उज़-ज़मान इन घटनाक्रमों के केंद्र में हैं, क्योंकि अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना प्रमुख ने हाल ही में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की है, जिसमें देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सचिव नसीमुल हक गनी ने इन तख्तापलट की बातों को 'महज अफवाह' बताया है।
सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने हाल ही में आतंकवादी हमलों की चेतावनी दी है और देश में सतर्कता और सुरक्षा बढ़ाने का आह्वान किया है। इस चेतावनी को तख्तापलट की अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा है। सप्ताहांत में जनरल ज़मान की अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ हुई बैठकों और सत्तारूढ़ पार्टी की टिप्पणियों से राजनीतिक विश्लेषकों को यह अनुमान लगाने में मदद मिली है कि सरकार और सेना प्रमुख के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सेना प्रमुख ने देश में बढ़ते चरमपंथ के बीच सुरक्षा उपायों पर चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेशी सेना प्रमुख द्वारा बुलाई गई आपात बैठक में 5 लेफ्टिनेंट जनरल, 8 मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग ऑफिसर और सेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
कुछ दिन पहले ऐसी खबरें आई थीं कि सेना प्रमुख स्वयं अपने ही कुछ पाकिस्तान समर्थक लोगों द्वारा तख्तापलट का सामना कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा लगता है कि जनरल ज़मान की सेना पर मजबूत पकड़ है। सेना प्रमुख ने कई बार ढाका में कानून-व्यवस्था की विफलता और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने का संकेत दिया है। सेना प्रमुख ने यह चेतावनी इसलिए दी है क्योंकि छात्र पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हसनत अब्दुल्ला ने हाल ही में दावा किया था कि सेना अवामी लीग को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही है। ढाका विश्वविद्यालय परिसर में एनसीपी द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान अब्दुल्ला के सैकड़ों समर्थकों ने सेना प्रमुख के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि हसीना और उनके 'सहयोगियों' को मुकदमे के बाद फांसी दी जाए। अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि भारत के इशारे पर अवामी लीग को बहाल करने की साजिश चल रही है।
वहीं, छात्र नेतृत्व वाली अमर बांग्लादेश पार्टी के महासचिव असदुज्जमां फवाद ने सेना प्रमुख पर राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ मिलकर नई अंतरिम सरकार स्थापित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। फवाद ने कहा, 'आप देख सकते हैं कि सेना प्रमुख तथाकथित बैठकें कर रहे हैं और नई साजिश में लिप्त हैं। वह राष्ट्रपति के साथ मिलकर एक नई अंतरिम सरकार बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर आप शहाबुद्दीन के साथ देश चलाने की कोशिश करेंगे तो लाखों अबू सैयद अपनी जान दे देंगे और छावनी को उड़ा देंगे। बांग्लादेश के साथ किसी भी विवाद में शामिल न हों।' असदुज्जमां फवाद की गिरफ्तारी की चर्चा ने देश में कट्टरपंथी ताकतों पर लगाम लगाने के लिए तख्तापलट की संभावना को और बढ़ा दिया है। हालाँकि, एबी पार्टी ने गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया है।
इन घटनाओं के बीच, अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा की है। उन्होंने हाल ही में घोषणा की कि बांग्लादेश अगले तीन महीनों के भीतर स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क के साथ एक वाणिज्यिक समझौता करेगा, जिससे देश भर में विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। यूनुस ने यह भी कहा कि यह साझेदारी सरकार द्वारा इंटरनेट एक्सेस को बंद करने से रोकने में मदद करेगी, जैसा कि पिछले साल के विरोध प्रदर्शनों के दौरान देखा गया था।
इसके अलावा, यूनुस ने देश में बढ़ती महंगाई को सरकार की प्राथमिक चुनौती बताया है, जिसमें हाल ही में फरवरी में 9.32% की गिरावट देखी गई है। उन्होंने जून तक महंगाई को 8% से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है। यूनुस ने यह भी दोहराया कि दिसंबर 2025 और जून 2026 के बीच राष्ट्रीय चुनाव कराने की योजना है, और वादा किया कि यह स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी होगा। हालांकि, बांग्लादेश की सेना ने इन तख्तापलट की अफवाहों को खारिज किया है। सेना के एक बयान में कहा गया है कि कुछ मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्टें निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं, जिनका उद्देश्य सेना की छवि को धूमिल करना है।