मुंबई, 15 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री विद्या बालन, जो आज अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं, ने हाल ही में अपने करियर के उस 'अंधेरे दौर' के बारे में खुलकर बात की है जब उन्हें लगातार असफलता और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
संघर्ष के वो दिन: जब हाथ से निकल गई थीं 12 फिल्में
विद्या ने बताया कि उनके करियर की शुरुआत बेहद चुनौतीपूर्ण रही। एक समय ऐसा था जब उन्हें 12 फिल्मों से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने उस दर्द को याद करते हुए कहा:
"मैं अक्सर रोते हुए सोने जाती थी। मुझे लगता था कि शायद मेरे लिए रास्ते बंद हो गए हैं। लेकिन अगले दिन मैं फिर से एक नई उम्मीद के साथ उठती थी।"
चेन्नई की वो घटना जिसने झकझोर दिया
विद्या ने एक पुरानी घटना साझा की जब उन्हें एक तमिल फिल्म से रिप्लेस किया गया था। उनके माता-पिता उनके साथ चेन्नई गए थे, जहाँ निर्माता ने उनके साथ बेहद खराब व्यवहार किया। विद्या ने बताया कि उस समय उन्हें अपनी शक्ल और अपने व्यक्तित्व पर शक होने लगा था, लेकिन उनके परिवार के अटूट समर्थन ने उन्हें टूटने नहीं दिया।
बॉडी शेमिंग और आलोचनाओं का सामना
करियर के शुरुआती दौर में न केवल काम को लेकर, बल्कि उनके वजन और ड्रेसिंग सेंस को लेकर भी काफी आलोचना हुई थी। विद्या ने स्वीकार किया कि इन टिप्पणियों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया था, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे खुद को स्वीकार करना और प्यार करना सीखा।
सफलता का मंत्र: 'हार न मानना'
आज विद्या बालन बॉलीवुड की उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने 'फीमेल-लेड' फिल्मों (जैसे डर्टी पिक्चर, कहानी) के जरिए इंडस्ट्री का नजरिया बदला। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता का रास्ता आसान नहीं होता, लेकिन खुद पर विश्वास बनाए रखना ही सबसे बड़ी जीत है।
विद्या की यह कहानी दिखाती है कि पर्दे पर दिखने वाली चकाचौंध के पीछे सालों की मेहनत और मानसिक मजबूती छिपी होती है।