दिल्ली के रामलीला मैदान में बीते रविवार (14 दिसंबर, 2025) को कांग्रेस द्वारा आयोजित 'वोट चोरी' विरोधी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए नारों के बाद देश की सियासत में जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया है। इस विवादित बयानबाजी पर अब पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की प्रतिक्रिया आई है, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा निशाना साधा है।
पप्पू यादव ने पीएम पर साधा निशाना
सोमवार (15 दिसंबर, 2025) को पप्पू यादव ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि सत्ता पक्ष अनावश्यक रूप से इस मुद्दे को तूल दे रहा है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अतीत में विपक्षी नेताओं के खिलाफ कठोर भाषा का इस्तेमाल किया है।
पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा, "गाय, जेवर, सांड, क्या-क्या नहीं बोले हैं? नीतीश कुमार के बारे में क्या कहा था, डीएनए से बड़ी गाली होती है क्या?"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के मंच से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया था, बल्कि यह किसी कार्यकर्ता का व्यक्तिगत वक्तव्य हो सकता है।
पप्पू यादव ने सदन न चल पाने पर भी सत्ता पक्ष को घेरा
उन्होंने गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदूषण, आतंकवादी हमलों जैसे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है, "तो समझिए इस देश के प्रति सरकार गंभीर नहीं है।"
'मिडिल क्लास की जिंदगी तबाह हो रही'
राजनीतिक बयानबाजी से हटकर, सांसद पप्पू यादव ने देश में व्याप्त सामाजिक-आर्थिक समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल खाई का मुद्दा उठाया:
"एक बच्ची ने कहा कि पप्पू अंकल ऑनलाइन एजुकेशन करा दीजिए... नहीं तो कोई बच्चे नहीं बचेंगे। ये एक प्रतिशत लोग जो सदन आते हैं उनके बच्चे, पत्नी, परिवार को क्या लेना देना है? मिडिल क्लास के लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है।"
विवादित बयान और कांग्रेस नेता का रुख
विवाद की जड़ दिल्ली के रामलीला मैदान की रैली है, जहाँ जयपुर सिटी महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष मंजू लता मीणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' जैसा विवादित नारा लगाया था।
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माफी से इनकार: मंजू लता मीणा ने आज (सोमवार) एएनआई से यह भी कहा कि वह किसी भी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगी।
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जनता के गुस्से की अभिव्यक्ति: उनका कहना है कि यह नारा जनता के गुस्से की अभिव्यक्ति है और वह आज भी अपने शब्दों पर कायम हैं।
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार कांग्रेस नेताओं पर हमलावर है, जिससे राजनीतिक सियासत तेज हो गई है। यह घटना सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही कटु बयानबाजी को दर्शाती है, जहाँ गंभीर मुद्दों के बजाय अक्सर व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप हावी रहते हैं।