भारतीय चुनाव आयोग (ECI) आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश भर में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (Special Intensive Revision - SIR) कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा करने जा रहा है। आयोग ने इस विस्तृत अभियान की रूपरेखा और तिथियां जारी करने के लिए आज शाम सवा चार बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूचियों को त्रुटिहीन, अद्यतन और अत्यंत विश्वसनीय बनाना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी संबोधित करेंगे, जिसमें देश के कई राज्यों में SIR के पहले चरण की घोषणा की उम्मीद है।
पहले चरण में 5 राज्यों पर फोकस
सूत्रों के अनुसार, SIR के पहले चरण में पाँच राज्य—असम, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल—शामिल हो सकते हैं। इन राज्यों में अगले वर्ष, यानी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके चलते मतदाता सूचियों को जल्द से जल्द नवीनतम बनाना अनिवार्य है। बताया जा रहा है कि इस पहले चरण में लगभग 10 से 15 राज्यों के लिए SIR की घोषणा की जा सकती है, जहां अगले दो से तीन वर्षों के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग का यह कदम चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और शुद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
SIR के तहत मतदाता सूची होगी 'शुद्ध'
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक गहन प्रक्रिया है, जिसके तहत मतदाता सूची को पूरी तरह से साफ और अपडेट किया जाता है। इस अभियान में निम्नलिखित मुख्य कार्य शामिल होंगे:
मृत वोटरों के नाम हटाना: मतदाता सूची से उन व्यक्तियों के नाम हटाए जाएंगे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, ताकि मतदान प्रतिशत और डेटा की सटीकता बनी रहे।
नए मतदाताओं का पंजीकरण: योग्य और छूटे हुए नए वोटरों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा और उनके नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। साथ ही, उन्हें नए मतदाता पहचान पत्र (EPIC) जारी किए जाएंगे।
डुप्लीकेट एंट्री हटाना: एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान करके उनके नाम हटाए जाएंगे।
स्थानांतरित मतदाताओं का अद्यतन: जो मतदाता अपना निवास स्थान बदल चुके हैं (शिफ्ट या ट्रांसफर हो चुके हैं), उनके नामों को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की सूची में सही तरीके से अपडेट किया जाएगा।
बूथ स्तर पर गहन सर्वे
इस पूरी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर व्यापक सर्वे करेंगे। BLOs का कार्य मतदाता सूची में शामिल नामों, EPIC नंबरों, पतों, मोबाइल नंबरों और अन्य सभी जानकारियों की भौतिक रूप से पुष्टि करना होगा। इस जमीनी सत्यापन के बाद ही फाइनल और शुद्ध मतदाता सूची तैयार की जाएगी, जो आगामी चुनावों के लिए आधार बनेगी।
निकाय चुनावों के बाद SIR
यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन राज्यों में वर्ष 2026 में निकाय चुनाव होने हैं, वहां SIR का काम स्थानीय चुनाव संपन्न होने के बाद शुरू किया जाएगा। इसका कारण यह है कि स्थानीय चुनावों में व्यस्त होने के कारण सरकारी कर्मचारी SIR के गहन कार्यों के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे, जिससे पुनरीक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
चुनाव आयोग की टीम ने हाल ही में सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) से मुलाकात की थी, जिसके बाद ही देश भर में SIR का विस्तृत फॉर्मेट अंतिम रूप दिया गया। आयोग ने सभी CEO को पिछले SIR के तहत अपडेट की गई अंतिम मतदाता सूची को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके। चुनाव आयोग का यह 'शुद्धिकरण महाअभियान' भारतीय लोकतंत्र में चुनावी डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता को एक नया आयाम देगा, जिससे आगामी विधानसभा चुनाव और अधिक निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सकेंगे।