बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी के चार बागी नेताओं को निष्कासित कर दिया है। इन नेताओं पर आरोप है कि वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के आधिकारिक उम्मीदवारों के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे थे, जो पार्टी के गठबंधन धर्म और अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना गया है। पार्टी हाईकमान ने तत्काल प्रभाव से एक्शन लेते हुए इन चारों नेताओं को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया है। पार्टी की ओर से इनके निलंबन आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
निष्कासित होने वाले नेताओं की पहचान
जिन चार प्रमुख नेताओं पर यह गाज गिरी है, उनमें वरुण सिंह, अनूप कुमार, पवन यादव और सूर्य भान सिंह शामिल हैं। इन नेताओं पर पार्टी के फैसले का उल्लंघन करने का सीधा आरोप है:
वरुण सिंह: बहादुरगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे।
अनूप कुमार: गोपालगंज सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे।
पवन यादव: कहलगांव विधानसभा सीट से बगावत कर रहे थे।
सूर्य भान सिंह: बड़हरा सीट से NDA प्रत्याशी के खिलाफ ताल ठोक रहे थे।
पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन के प्रति प्रतिबद्धता सर्वोच्च है और किसी भी सदस्य द्वारा गठबंधन धर्म का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई अन्य संभावित बागियों के लिए भी एक कड़ा संदेश है।
जदयू पहले ही 16 नेताओं को दिखा चुकी बाहर का रास्ता
यह गौरतलब है कि भाजपा के इस एक्शन से ठीक पहले, गठबंधन सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी पिछले दो दिनों में बगावत करने वाले 16 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने भी पार्टी विरोधी गतिविधियों और गठबंधन उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने वाले नेताओं के विरुद्ध कठोर कदम उठाए हैं। जदयू के प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह द्वारा जारी निष्कासन पत्रों में स्पष्ट किया गया था कि पार्टी या गठबंधन के विरोध में काम करना, नियमों का उल्लंघन और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, जिसके कारण इन नेताओं को सबक सिखाने के लिए कार्रवाई की गई है।
जदयू के 16 बागी नेता जिन पर गिरी गाज:
जदयू द्वारा निष्कासित किए गए 16 नेताओं में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी शामिल हैं। इनमें मुंगेर के जमालपुर से शैलेश कुमार, जमुई के चकाई से संजय प्रसाद, सीवान के बडहरिया से श्याम बहादुर सिंह, भोजपुर के बड़हरा से रणविजय सिंह, शेखपुरा के बरबीधा से सुदर्शन कुमार, बेगूसराय के साहेबपुर कमला से अमर कुमार सिंह, वैशाली के महुआ से डॉ. आसमा परवीन, औरंगाबाद के नवीनगर से लब कुमार, कटिहार के कदवा से आशा सुमन, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से दिव्यांशु भारद्वाज, सीवान के जिरादेई से विवेक शुक्ला, गोपालपुर के विधायक नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल, कदवा से हिमराज सिंह, गया जी से संजीव श्याम सिंह, गयाघाट से महेश्वर प्रसाद यादव और मुजफ्फरपुर से प्रभात किरण प्रमुख थे।
दोनों प्रमुख पार्टियों द्वारा की गई इन अनुशासनात्मक कार्यवाइयों से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में, NDA गठबंधन अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने और आंतरिक अनुशासन बनाए रखने के लिए किसी भी तरह की बगावत को सहन नहीं करेगा। यह फैसला गठबंधन की एकजुटता और कठोर अनुशासन पर जोर देता है।