22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना दिया। आतंकियों ने इस हमले में 25 भारतीय पर्यटकों की हत्या कर दी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया और युद्ध जैसे हालात बन गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही जांच में पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI के हाथ होने के संकेत मिले हैं। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं और कड़े फैसले लेकर पाकिस्तान से सभी रिश्ते तोड़ने का निर्णय लिया है।
आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ क्या-क्या कदम उठाए, आइए जानते हैं:
भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कदम:
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सिंधु जल संधि का स्थगन
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया। यह कदम पाकिस्तान द्वारा आतंकी हमलों में बढ़ावा देने और भारतीय शांति प्रयासों को नकारने के कारण उठाया गया।
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अटारी बॉर्डर बंद किया गया
भारत ने तुरंत प्रभाव से अटारी बॉर्डर और उससे जुड़े चेक पोस्ट को बंद कर दिया। इस कदम ने पाकिस्तान से व्यापार और यात्रा के रास्ते को पूरी तरह से रोक दिया।
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पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को दिए गए सभी 14 कैटेगरी के वीजा रद्द कर दिए। इसके अलावा, पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश भी दिया गया।
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पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद किया
भारत ने दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद कर दिया और वहां काम कर रहे पाकिस्तानी राजनयिकों को अवांछित घोषित कर दिया और उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने का आदेश दिया।
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आतंकी परिवारों के खिलाफ सख्त कदम
पहलगाम आतंकी हमले में शामिल संदिग्ध आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया। उनके परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। यह कदम आतंकियों के खिलाफ भारत के सख्त रुख को दर्शाता है।
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पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या सीमित
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग में पाकिस्तानी कर्मचारियों की संख्या को घटाकर 30 कर दिया और बाक़ी कर्मचारियों को पाकिस्तान लौटने का आदेश दिया।
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व्यापारिक रिश्ते खत्म किए गए
भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रिश्तों को समाप्त कर दिया। अब पाकिस्तान से भारत को कोई सामान नहीं भेजा जाएगा और न ही भारत से पाकिस्तान को कोई सामान भेजा जाएगा।
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सभी रास्ते बंद कर दिए गए
भारत ने पाकिस्तान के लिए जमीनी रास्तों के साथ-साथ एयर स्पेस और समुद्री रास्ते भी बंद कर दिए हैं। यह आदेश 31 मई 2025 तक प्रभावी रहेगा।
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सोशल मीडिया पर प्रतिबंध
भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, मंत्रियों, सांसदों, खिलाड़ियों, पत्रकारों, एक्टर-एक्ट्रेस, और न्यूज चैनलों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के आधिकारिक ISPR यूट्यूब चैनल को भी भारत में ब्लॉक कर दिया गया है।
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आर्थिक मदद पर पुनर्मूल्यांकन
भारत ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे IMF, वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से अपील की है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। इसके अलावा, भारत ने वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से भी यह मांग की है कि पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में डाला जाए।
भारत का रुख और पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश
भारत के इन कदमों से यह स्पष्ट हो गया है कि वह पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर वह आतंकवाद को पनाह और समर्थन देता रहा तो भारत कड़ी कार्रवाई करेगा।
इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है, और युद्ध की स्थिति बनने की आशंका भी जताई जा रही है। भारत ने अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, और इससे पहले कभी नहीं देखा गया था कि भारत ने इतनी सख्ती से पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाए हों।
निष्कर्ष
22 अप्रैल को हुआ यह आतंकी हमला भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ने वाला साबित हो सकता है। भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने के लिए कड़ी चेतावनी दी है और कड़े कदम उठाते हुए उसे दुष्परिणामों का अहसास कराया है। फिलहाल दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है, और यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद किस तरह का कदम उठाता है।