भारतीय युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा इन दिनों इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। सफेद जर्सी में तिलक ने अपनी बल्लेबाजी से हर किसी को प्रभावित किया है और लगातार तीन मैचों में बेहतरीन पारियां खेली हैं। तिलक वर्मा की बल्लेबाजी का जलवा इस बार हैम्पशायर की तरफ से देखने को मिला, जहां उन्होंने लगातार तीसरे मैच में अर्धशतक या उससे ज्यादा रन बनाए। तीसरे मुकाबले में तो उन्होंने 112 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली और यह साबित कर दिया कि वह केवल टी-20 के ही नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के भी मजबूत खिलाड़ी बन सकते हैं।
हैम्पशायर के लिए खेलते हुए तिलक ने रचा इतिहास
नॉटिंघमशायर के खिलाफ मुकाबले में हैम्पशायर की ओर से खेलते हुए तिलक वर्मा नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे। टीम ने पहले ही कुछ विकेट जल्दी गंवा दिए थे, लेकिन तिलक ने क्रीज पर आते ही मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करते हुए 256 गेंदों में 112 रन बनाए। इस पारी में तिलक ने 13 चौके और 2 शानदार छक्के लगाए। उनकी यह पारी न केवल टीम को मजबूत स्थिति में ले गई बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से भी एक और शतक के रूप में उपलब्धि दिला गई।
तिलक की पारी ने दिलाई टीम को मजबूती
हैम्पशायर की टीम तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक 6 विकेट पर 367 रन बना चुकी थी। तिलक की पारी के कारण टीम को स्थिरता मिली और स्कोरबोर्ड पर बड़ा टोटल खड़ा करने में मदद मिली। नॉटिंघमशायर ने पहली पारी में 578 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था, ऐसे में हैम्पशायर के लिए टिक कर खेलना बेहद जरूरी था। तिलक ने वही किया जिसकी उनसे उम्मीद थी। एक छोर से विकेट गिरते रहे, लेकिन तिलक मैदान पर डटे रहे और टीम को 300 के पार पहुंचाया।
लगातार तीसरा प्रभावशाली प्रदर्शन
तिलक वर्मा की यह पारी उनकी लगातार तीसरी शानदार इनिंग रही। इससे पहले उन्होंने एसेक्स के खिलाफ 241 गेंदों में 100 रन बनाए थे। फिर दूसरे मुकाबले में उन्होंने अर्धशतक जमाया — पहली पारी में 56 रन और दूसरी में 47 रनों का योगदान दिया। इन चार पारियों में तिलक अब तक कुल 315 रन बना चुके हैं, जिसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल है।
टेस्ट क्रिकेट में भी कर रहे हैं दावा
तिलक वर्मा ने भारत के लिए टी-20 क्रिकेट में पहले ही अपनी उपयोगिता साबित कर दी है, लेकिन अब काउंटी क्रिकेट में उनका लगातार प्रदर्शन यह संकेत दे रहा है कि वह रेड बॉल क्रिकेट में भी खुद को साबित कर सकते हैं। इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में रन बनाना आसान नहीं होता, लेकिन तिलक की बल्लेबाजी तकनीक, संयम और शॉट सिलेक्शन यह दिखाता है कि वह लंबे फॉर्मेट के लिए भी तैयार हैं।
भविष्य में हो सकते हैं भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा
भारत की टेस्ट टीम फिलहाल मध्यक्रम में कुछ स्थायित्व की तलाश में है, खासकर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के बाद। ऐसे में तिलक वर्मा जैसे युवा खिलाड़ी, जो घरेलू और विदेशी जमीन पर लगातार रन बना रहे हैं, टीम इंडिया के लिए भविष्य के अहम स्तंभ बन सकते हैं। सेलेक्टर्स की नजर अब काउंटी क्रिकेट पर भी रहती है और यदि तिलक का यह फॉर्म जारी रहा, तो आने वाले समय में उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिलना तय माना जा रहा है।
निष्कर्ष
तिलक वर्मा का इंग्लैंड में प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक संकेत है। युवा खिलाड़ी ने अपनी बल्लेबाजी से साबित कर दिया है कि वह हर फॉर्मेट में खुद को ढाल सकते हैं। तिलक का यह जुझारूपन और निरंतरता उन्हें आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम बना सकती है। काउंटी क्रिकेट की यह सेंचुरी सिर्फ एक पारी नहीं, बल्कि उनके टेस्ट करियर का दरवाजा खोलने वाली दस्तक हो सकती है।