मुंबई, 25 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। MIC (मेयर इन कौंसिल) और विपक्ष के विरोध के बाद भोपाल में प्रॉपर्टी, जल और मनोरंजन टैक्स बढ़ाने का फैसला टाल दिया है। मंगलवार को महापौर मालती राय की मौजूदगी में हुई एमआईसी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। एक दिन पहले हुई मीटिंग में हंगामा हुआ था। एमआईसी मेंबरों ने ही टैक्स में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया था। बता दें कि 2 जुलाई को परिषद की मीटिंग होगी। इसमें प्रॉपर्टी, जल और मनोरंजन कर में 15% तक बढ़ोतरी करने का फैसला लिया जाना था। बकायदा, एजेंडा भी तैयार हो चुका था, लेकिन सोमवार को एमआईसी की मीटिंग में सदस्यों ने ही विरोध करना शुरू कर दिया था। इसके चलते मीटिंग मंगलवार को फिर से की गई। महापौर की मौजूदगी में निर्णय लिया गया कि कोई टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा। एमआईसी मेंबर जगदीश यादव ने बताया, मीटिंग में सुझाव दिया कि टैक्स बढ़ाकर जनता पर बोझ नहीं डाला जाए, बल्कि उन लोगों से टैक्स वसूला जाए, जो निगम को टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं।
एमआईसी मेंबर यादव ने बताया कि ऐसी संपत्ति की जांच की जाएगी, जिन्हें बने 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन उनका प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं किया जा रहा है। इस बारे में अफसरों को निर्देश भी दिए गए हैं। एमआईसी मेंबर राजेश हिंगोरानी ने बताया, मीटिंग में जनता के हितों से जुड़े फैसले लिए गए हैं। इससे पहले सोमवार को भी बैठक हुई थी, लेकिन यह बिना नतीजे के समाप्त हो गई थी। एमआईसी सदस्य यादव और आनंद अग्रवाल ने पूछा था कि प्रॉपर्टी टैक्स क्यों बढ़ाया जाना चाहिए? तब निगम के अधिकारियों की ओर से तर्क दिया गया कि निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए आय में वृद्ध होना जरूरी है। ऐसे में टैक्स बढ़ाए जाने चाहिए। इस पर एमआईसी की ओर से तर्क दिया गया कि प्रॉपर्टी टैक्स के पांच लाख खाते हैं। इन पर ही टैक्स का बोझ बढ़ाने के बजाय सर्वे करके प्रॉपर्टी टैक्स के नए खाते खोलने चाहिए।