मुंबई, 16 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को जोधपुर हाईकोर्ट में काले हिरण के शिकार मामले में अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को बरी किए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। सरकार ने लीव-टू-अपील के जरिए यह मामला उठाया, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार गर्ग की अदालत ने इसे इसी मामले से जुड़े अन्य सभी केसों के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। अब इस पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। एडवोकेट महिपाल विश्नोई के अनुसार, यह मामला 1 अक्टूबर 1998 का है, जब फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान जोधपुर के कांकाणी गांव में काले हिरण का शिकार किया गया था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 5 अप्रैल 2018 को अभिनेता सलमान खान को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया था। हालांकि, 7 अप्रैल 2018 को सेशन कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी थी। फिलहाल वे जमानत पर हैं और इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित है। उक्त मामले में सलमान खान के साथ शामिल सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। अब राज्य सरकार ने इन सभी की रिहाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पुनः अपील की है।
इस मामले से जुड़े अन्य केसों में भी कानूनी प्रक्रिया जारी है। घोड़ा फार्म हाउस केस में सलमान को 10 अप्रैल 2006 को सीजेएम कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी, लेकिन 25 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। राज्य सरकार ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई लंबित है। वहीं, भवाद गांव केस में सीजेएम कोर्ट ने 17 फरवरी 2006 को सलमान को दोषी ठहराया और एक साल की सजा सुनाई, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें इसमें भी बरी कर दिया। इस फैसले को भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है। इसके अलावा, आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में 18 जनवरी 2017 को सलमान को बरी कर दिया गया था, जिस पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की है और वह भी विचाराधीन है। राज्य सरकार की मौजूदा अपील में यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्रांसफर पिटीशन की अनुमति के साथ सलमान खान से जुड़ी सभी लंबित सुनवाइयों को एक साथ जोड़ा जाएगा, ताकि पूरे मामले में एकीकृत रूप से न्यायिक निर्णय लिया जा सके।