मुंबई, 24 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पहलगाम आतंकी हमले पर NCP के नेता अनिल देशमुख ने कहा, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है कि पहलगाम आतंकी हमले के आतंकवादियों ने पीड़ितों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा था या नहीं। यह सच्चाई केवल जांच से पता चल सकेगी। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार आतंकियों के किए नरसंहार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। सिंधु समझौता स्थगित किया गया है। सरकार ने बहुत अच्छे कदम उठाए हैं। साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि हमला बॉर्डर से 200 KM दूर हुआ। आतंकवादी वहां कैसे पहुंचे? यह खुफिया विफलता है। इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं, असम में पहलगाम हमले पर विवादित बयान देने वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) विधायक अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि यह संकट की घड़ी है। यह हमला सिर्फ कश्मीर में नहीं हुआ, जो पर्यटक वहां गए थे सिर्फ उनपर हमला नहीं हुआ यह देश पर हमला हुआ है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा पूरे देश के पर्यटक वहां गए थे यह देश पर, सरकार पर हमला है। संकट की घड़ी में हम सब एक हैं। चाहे सत्ताधारी पक्ष हो या विपक्ष हो, हम सब एकसाथ बैठकर फैसले करेंगे और हमारी यह भूमिका है कि इस संकट की घड़ी पर सरकार जो फैसला लेगी उनके साथ हम सब है।
वहीं, पहलगाम हमले पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया गया। अमीनुल इस्लाम को एक सभा में भड़काऊ बयान देने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इस्लाम पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152/196/197(1)/113(3)/352/353 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दरअसल, रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था, मुझे बहुत बुरा लग रहा है और मेरी गहरी संवेदनाएं इस आतंकवादी कृत्य में मारे गए लोगों के लिए हैं। हमारे देश में, हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। यदि आप इस आतंकवादी कृत्य का विश्लेषण करते हैं, यदि वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक विभाजन पैदा हो गया है।इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। पहचान को देखते हुए किसी की हत्या करना, यह प्रधानमंत्री के लिए संदेश है, क्योंकि मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। यह बात शीर्ष स्तर से आनी चाहिए कि हम अपने देश में सुरक्षित और धर्मनिरपेक्ष महसूस करते हैं और हम इस तरह की हरकतें होते नहीं देखेंगे।