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अनंत अंबानी ने बूचड़खाने जा रही 250 मुर्गियां बचाईं, दोगुनी कीमत दी, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Tuesday, April 1, 2025

मुंबई, 01 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी 140 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं। वे जामनगर से द्वारका जा रहे है। मंगलवार को (1 अप्रैल) पदयात्रा का पांचवां दिन है। वे 50 किमी की दूरी तय कर सोनारडी गांव के पाटिया पहुंच चुके हैं। रास्ते में अनंत ने बूचड़खाने जा रही 250 मुर्गियों को बचाया। उन्होंने दोगुनी कीमत देकर सभी मुर्गियों को खरीदा और आजाद कर दिया। वे एक मुर्गी को लेकर चलते भी दिखे। अनंत अंबानी के साथ दिव्यभास्कर के रिपोर्टर हिरेन हिरपरा भी पैदल चल रहे हैं। 10 अप्रैल को अनंत अंबानी का जन्मदिन है। अनंत अपना 30वां जन्मदिन द्वारका में ही मनाएंगे। अनंत ने अपनी यात्रा 28 मार्च को जामनगर के मोती खावड़ी से शुरू की थी। लोगों को ट्रैफिक और सिक्योरिटी के चलते मुश्किल का सामना न करना पड़े, इसलिए अनंत रात में यात्रा करते है।

वहीं, अनंत की यात्रा के दौरान मुर्गियों से भरी गाड़ी निकल रही थी। इसमें 250 मुर्गियां थीं, जिन्हें बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। अनंत ने अपने कर्मचारियों से वाहन को रुकवाने को कहा। अनंत ने वाहन मालिक और ड्राइवर से बात की। अनंत ने उन्हें मुर्गियों की दोगुनी कीमत दी और मुर्गियों को आजाद कर दिया। इसके बाद अनंत मुर्गी को हाथ में लेकर चलते भी दिखे। उन्होंने जय द्वारकाधीश का नारा भी लगाया। अनंत ने कहा, मैं हमेशा कोई भी काम शुरू करने से पहले भगवान द्वारकाधीश को याद करते हूं। यह पदयात्रा जामनगर में हमारे घर से द्वारका तक है। यह पिछले 5 दिनों से चल रही है और हम अगले दो-चार दिनों में द्वारका पहुंच जाएंगे। मेरी पदयात्रा जारी है। भगवान द्वारकाधीश हमें आशीर्वाद दें। मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि भगवान द्वारकाधीश पर विश्वास रखें और कोई भी काम करने से पहले भगवान द्वारकाधीश को याद करें। वह काम बिना किसी बाधा के जरूर पूरा होगा। जब भगवान मौजूद हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। वे अपने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े वनतारा के लिए सुर्खियों में है। केंद्र सरकार ने 27 फरवरी को वनतारा को पशु कल्याण में देश के सर्वोच्च सम्मान प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वनतारा अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र है। यह 2000 से ज्यादा प्रजातियों और 1.5 लाख से ज्यादा बचाए गए लुप्तप्राय और संकटग्रस्त जानवरों का घर है।


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