गोवा नाइट क्लब अग्निकांड मामले में आरोपी सौरभ और गौरव लूथरा (लूथरा ब्रदर्स) को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस मामले में लूथरा ब्रदर्स पर आग लगने की घटना के तुरंत बाद देश छोड़कर भागने और जांच में सहयोग न करने का आरोप है. सुनवाई के दौरान गोवा सरकार और लूथरा ब्रदर्स के वकीलों ने कोर्ट के सामने तीखी दलीलें पेश कीं.
दोनों पक्षों की ओर से रखी गईं मुख्य दलीलें इस प्रकार हैं:
गोवा सरकार के वकील की दलीलें: भागने और झूठ बोलने का आरोप
गोवा सरकार की ओर से पेश वकील ने लूथरा ब्रदर्स के आचरण पर गंभीर सवाल उठाए:
-
लाइसेंस और लीज: वकील ने कहा कि क्लब का ट्रेड लाइसेंस 2023 में ही एक्सपायर हो चुका था और उसे रिन्यू नहीं कराया गया था. आरोपियों का यह दावा गलत है कि वे सिर्फ लाइसेंसी थे और लोकल मैनेजमेंट बिजनेस संभालता था, जबकि सौरभ लूथरा सिग्नेटरी हैं.
-
जांच से भागे: आरोपियों ने जांच में सहयोग नहीं किया. 6 दिसंबर को बैंकॉक जाने की खबर गलत है. आग की घटना के बाद 7 दिसंबर को सुबह सवा 1 बजे मेक माई ट्रिप से लाखों की टिकट कराकर वे इंडिगो फ्लाइट से थाईलैंड गए, जबकि थाईलैंड में उनका कोई व्यावसायिक काम नहीं था.
-
झूठ बोलना: पुलिस जब उनके घर गई तो उनकी मां ने बताया कि उन्हें दोनों के ठिकाने की जानकारी नहीं है. घटना के तुरंत बाद गायब हो जाना उनका आचरण स्पष्ट करता है.
-
कानूनी कार्रवाई: इसी कारण कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए, 7 दिसंबर को लुक आउट नोटिस जारी हुआ और 9 दिसंबर को इंटरपोल ने ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया.
-
सुरक्षा उल्लंघन: फायर डिपार्टमेंट ने बताया कि बार के लिए NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं ली गई थी और बार में आने-जाने का केवल एक ही रास्ता था, जो सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन था. 25 लोगों की जान गई है.
-
बोगस मेडिकल हिस्ट्री: उनकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी सही जानकारी नहीं दी गई. विदेश यात्रा पर तो जा सकते हैं, लेकिन जांच में सहयोग के लिए नहीं आ सकते.
-
निष्कर्ष: वकील ने जोर देकर कहा कि याचिकाकर्ता याचिका दायर करते वक्त विदेश में था और जानबूझकर कानून से बचने के लिए भागा, इसलिए कोर्ट को अग्रिम जमानत नहीं देनी चाहिए.
लूथरा ब्रदर्स के वकील (तनवीर मीर) की दलीलें: धमकियों और बदले की कार्रवाई का दावा
लूथरा ब्रदर्स के वकील तनवीर मीर ने घटना को दुखद बताया लेकिन अपने मुवक्किलों के पक्ष में कई दलीलें दीं:
-
जान का खतरा: वकील ने कहा कि घटना दुखद है, लेकिन घटना के बाद हर तरफ से उनके मुवक्किल और उनके परिवार को 'मारने और जला देने की धमकियां' आ रही थीं.
-
राज्य की कार्रवाई: उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद पूरी गोवा स्टेट मशीनरी 'रिवेंज' लेने में लग गई. लूथरा ब्रदर्स के दो रेस्टोरेंट/क्लब पर बुलडोजर चला दिया गया. उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति में इंसान अपनी जान की रक्षा के लिए कहां जाएगा?
-
फरार नहीं: वकील ने दावा किया कि कोर्ट ने कभी नहीं कहा कि वे फरार हैं. अगर वे फरार होते तो यहां कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए नहीं आते.
-
प्रक्रियात्मक त्रुटि: उन्होंने गैर जमानती वारंट जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाया और कहा कि एक दिन में ही नोटिस इशू हो गया और पहली बार में ही गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया, जबकि घर, ईमेल या मोबाइल कहीं भी नोटिस नहीं दिया गया.
-
लोकल मैनेजमेंट: उन्होंने दोहराया कि वे लाइसेंसी जरूर हैं, लेकिन डेली ऑपरेशन लोकल मैनेजमेंट देखता था. पूरे देश में उनके 14 से ज्यादा रेस्टोरेंट हैं और गोवा में वह सिर्फ 2 बार गए.
-
बिजनेस ट्रिप: वकील ने दावा किया कि 6 दिसंबर को ही ज़रूरी बिजनेस मीटिंग के लिए टिकट बुक कराई गई थी और दुर्भाग्यवश उसी रात घटना घट गई. उन्होंने कहा, "मैं भाग नहीं रहा हूं, यहां आकर जांच का सामना करना चाहता हूं, लेकिन राज्य सरकार बदले की भावना से काम कर रही है."