राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने CPI (माओवादी) के वरिष्ठ नेता CP मोईदीन के खिलाफ हैदराबाद की अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में मोईदीन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम), 1967 के तहत भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मोईदीन पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप है, जो कि कानून की नजर में अत्यंत गंभीर माना जाता है।
CP मोईदीन कौन हैं?
CP मोईदीन वेस्टर्न घाट्स स्पेशल जोनल कमेटी (WGSZC) में सचिव पद पर कार्यरत थे। इस पद पर उन्होंने सितंबर 2023 में संजय दीपक राव की गिरफ्तारी के बाद पदभार संभाला था। मोईदीन का नाम माओवादी नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले के तौर पर सामने आता है। वे PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुट आर्मी) दस्तों की देखभाल करते थे और नए सदस्यों की भर्ती, प्रशिक्षण तथा माओवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार भी उनका काम था।
अधिकारियों के अनुसार, मोईदीन ने केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। यह इलाका माओवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
आरोप और जांच का दायरा
NIA की जांच में सामने आया है कि CP मोईदीन WGSZC के प्रमुख सदस्य थे और माओवादी संगठनों के लिए रणनीतिक फैसलों में अहम भूमिका निभाते थे। उनके ऊपर लगाए गए आरोपों में न केवल हथियारों के अवैध भंडारण, बल्कि भारत के खिलाफ विद्रोही गतिविधियों को बढ़ावा देना भी शामिल है।
एनआईए ने प्रेस रिलीज में कहा है कि मोईदीन का मकसद देश की अखंडता और सुरक्षा को कमजोर करना था, जिससे देश के विकास और शांति को गंभीर खतरा पहुंचा। इसलिए UAPA के तहत उन्हें दंडनीय अपराधों में गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी का इतिहास
CP मोईदीन को सबसे पहले अगस्त 2024 में केरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद, जनवरी 2025 में NIA ने आधिकारिक तौर पर उन्हें गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के पीछे तेलंगाना पुलिस की ओर से सितंबर 2023 में दर्ज की गई शिकायत और जांच थी, जिसमें माओवादी नेता संजय दीपक राव को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था। संजय दीपक राव की गिरफ्तारी के बाद ही मोईदीन को WGSZC का सचिव नियुक्त किया गया था।
इस पूरे मामले को NIA ने अपने हाथ में लेकर CPI (माओवादी) के नेटवर्क को खत्म करने के लिए व्यापक जांच शुरू की। एजेंसी ने कई बार प्रेस रिलीज जारी कर जांच की प्रगति और गिरफ्तारियों की जानकारी दी।
माओवादी गतिविधियों पर NIA की नजर
देश में माओवादी गतिविधियां कई दशकों से सुरक्षा चुनौतियां पेश कर रही हैं। वे अक्सर आदिवासी इलाकों में अपने कब्जे बढ़ाते हुए सरकारी ताकतों पर हमला करते हैं। NIA ने इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए कई बड़े ऑपरेशन चलाए हैं।
CP मोईदीन के खिलाफ यह मामला माओवादी गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है। एनआईए ने यह भी कहा है कि मोईदीन के खिलाफ साक्ष्य मजबूत हैं और अदालत में आरोप साबित करने के लिए सभी आवश्यक सबूत एकत्र किए गए हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और सुरक्षा बलों की भूमिका
सरकार ने माओवादी हिंसा को देश के लिए एक बड़ी चुनौती बताया है। केंद्रीय और राज्य स्तर पर सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों और माओवादी संगठनों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। CP मोईदीन जैसे नेताओं की गिरफ्तारी से नक्सली संगठन कमजोर होंगे और स्थानीय क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह देश की अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। साथ ही माओवादी प्रभावित इलाकों में विकास योजनाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी ताकि स्थानीय लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा CPI (माओवादी) के वरिष्ठ नेता CP मोईदीन के खिलाफ चार्जशीट दायर करना माओवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी कार्रवाई का संकेत है। मोईदीन के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और यह मामला माओवादी हिंसा के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
देश की सुरक्षा और शांति के लिए इस तरह के कदम आवश्यक हैं, जिससे माओवादी हिंसा को खत्म किया जा सके और देश के कमजोर इलाकों का विकास हो। NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रखेंगी ताकि देश में स्थिरता और विकास सुनिश्चित किया जा सके।