नई दिल्ली। भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड के बीच आज नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने के दायरे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकेत देती है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तुलसी गब्बार्ड को प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ से लाया गया पवित्र जल से भरा कलश भेंट किया। यह एक ऐसा प्रतीकात्मक उपहार था, जिसने भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं को भी इस राजनयिक मुलाकात में शामिल कर दिया। तुलसी गब्बार्ड फिलहाल कई देशों की यात्रा पर हैं और उनकी एशिया यात्रा का समापन भारत के इस दौरे के साथ हो रहा है। वह नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मंच रायसीना डायलॉग 2024 में हिस्सा लेने के लिए आईं, जहां विश्व भर के सुरक्षा विशेषज्ञ और रणनीतिकार एकत्रित हुए।
एसएफजे पर भारत की सख्त चेतावनी
बैठक के दौरान एक प्रमुख मुद्दा भारत में प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन की गतिविधियों का भी रहा। इससे पहले अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गब्बार्ड ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी। उस बातचीत में राजनाथ सिंह ने अमेरिका में सक्रिय इस खालिस्तानी संगठन की भारत विरोधी गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से अपने रुख को पेश करते हुए अमेरिका से मांग की है कि वह एसएफजे और इसके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। भारत का मानना है कि यह संगठन न केवल भारतीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद को भी बढ़ावा देता है।
भारत-अमेरिका के मजबूत होते रिश्ते
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गब्बार्ड को भारत-अमेरिका मैत्री का "प्रबल समर्थक" बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए अहम है। तुलसी गब्बार्ड ने भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी इस बैठक को "सम्मानजनक और ऐतिहासिक" बताते हुए कहा कि वह भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रक्षा, सुरक्षा, खुफिया जानकारी साझा करना और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई जैसे मुद्दों पर चर्चा के अलावा साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष रक्षा, और रणनीतिक तकनीक में सहयोग को लेकर भी बात हुई। यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करती है।
रणनीतिक साझेदारी में नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी और तुलसी गब्बार्ड की इस ऐतिहासिक बैठक को भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के भविष्य के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। दोनों देशों ने इस मुलाकात में स्पष्ट संदेश दिया कि वे मिलकर वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई कोताही नहीं बरतेंगे।
निष्कर्ष
यह मुलाकात न केवल दोनों देशों के बीच गहरे होते रिश्तों का प्रमाण है, बल्कि वैश्विक मंच पर साझा जिम्मेदारियों के निर्वहन की दिशा में भी एक ठोस प्रयास है। आने वाले समय में भारत और अमेरिका की यह रणनीतिक साझेदारी विश्व शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।