बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे की घोषणा भले ही हो गई हो, लेकिन जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रमुख नीतीश कुमार इस फॉर्मूले से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, नीतीश कुमार अपनी पार्टी JDU की कुछ सीटों को चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को दिए जाने से नाराज हैं.
यह तनातनी मुख्य रूप से 9 सीटों को लेकर है, जिन पर JDU अपना दावा मजबूत मानती है, लेकिन वे सीटें LJP के खाते में चली गई हैं. इस आंतरिक असंतोष के बीच, खबर है कि नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामने एक नई और महत्वपूर्ण शर्त रख दी है. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने मांग की है कि सीट शेयरिंग के औपचारिक ऐलान के साथ ही मुख्यमंत्री पद के लिए NDA के चेहरे का ऐलान भी किया जाए और उनके (नीतीश कुमार) नाम की घोषणा हो. यह शर्त दर्शाती है कि नीतीश कुमार न केवल सीटों के बंटवारे पर, बल्कि गठबंधन में अपने नेतृत्व की स्थिति को लेकर भी पूर्ण स्पष्टता चाहते हैं.
JDU ने विपक्ष के दावों को नकारा
हालांकि, JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने विपक्ष के दावों और गठबंधन में दरार की खबरों को खारिज कर दिया है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि विपक्ष के लोगों को पता है कि वे चुनावी मैदान में बुरी तरह से हार चुके हैं, इसलिए वे NDA में भ्रांतियां फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. संजय झा ने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार चुनावी रण के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और वह NDA के लिए व्यापक प्रचार भी करेंगे. उन्होंने गठबंधन की एकता पर जोर देते हुए कहा, "NDA और JDU एक साथ हैं, और यह चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही संभव है." उनके अनुसार, मुख्यमंत्री हर एक चीज पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और गठबंधन में सब ठीक है.
RJD ने BJP की रणनीति पर उठाए सवाल
इस बीच, विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने NDA के सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर कड़ी टिप्पणी की है. तिवारी ने दावा किया है कि BJP की योजना JDU को धीरे-धीरे 'खत्म करने' की है, और नीतीश कुमार को भी इस रणनीति की भनक है. उन्होंने कहा, "अभी तो उन्हें (नीतीश कुमार) एक ही स्तर पर रखा गया है, लेकिन चुनाव के बाद BJP उन्हें बर्बाद कर देगी." तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि सीटों के बंटवारे में कटौती और चिराग पासवान के बढ़ते प्रभाव को BJP की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जाना चाहिए.
NDA में सीटों को लेकर यह अंदरूनी खींचतान ऐसे समय में सामने आई है, जब महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) भी अपने सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर भारी विवाद से जूझ रहा है. नीतीश कुमार की नई शर्त BJP के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, जिसे एक ओर अपने सबसे पुराने सहयोगी को साधना है, तो दूसरी ओर चिराग पासवान जैसे नए सहयोगियों की मांगों को भी संतुलित करना है. अब सबकी निगाहें BJP के शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं कि वह इस दबाव के बीच मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान करती है या कोई बीच का रास्ता निकालती है.