डिजिटल भुगतान की दुनिया में राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एक दूरदर्शी कदम उठाते हुए 21 अक्टूबर 2025 को अपना नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित असिस्टेंट 'यूपीआई हेल्प' लॉन्च किया है। यह टूल वर्तमान में परीक्षण चरण (Testing Phase) में है और इसका प्राथमिक उद्देश्य यूपीआई उपयोगकर्ताओं को उनके लेनदेन संबंधी सवालों और समस्याओं के लिए त्वरित समाधान प्रदान करना है। अब डिजिटल भुगतान करने वालों को सहायता के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह सहायक चैट सिस्टम एक ही जगह पर कई सुविधाओं के साथ मौजूद है।
यूपीआई हेल्प: त्वरित समाधान के तीन मुख्य स्तंभ
यूपीआई हेल्प को तीन प्रमुख विशेषताओं के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो डिजिटल भुगतान के अनुभव को निर्बाध बनाने पर केंद्रित हैं:
सूचनात्मक सहायता: यह एआई असिस्टेंट यूपीआई से संबंधित सामान्य प्रश्नों का उत्तर देता है। यह उपयोगकर्ताओं को यूपीआई की कार्यप्रणाली, विभिन्न सुविधाओं और दिशानिर्देशों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है, जिससे वे अधिक आत्मविश्वास के साथ डिजिटल लेनदेन कर सकते हैं।
शिकायत निवारण और समाधान: यह टूल लेनदेन से जुड़ी शिकायतों को प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उपयोगकर्ता इसके माध्यम से अपने लेनदेन की स्थिति (Transaction Status) की जांच कर सकते हैं, आसानी से शिकायत दर्ज (Complaint Log) कर सकते हैं, और विवादों को जल्दी निपटाने के लिए सीधे बैंक को आवश्यक अतिरिक्त जानकारी भी भेज सकते हैं।
मेंडेट प्रबंधन (Mandate Management): यह एक अत्यंत उपयोगी सुविधा है जो उपयोगकर्ताओं को उनके सभी सक्रिय मेंडेट्स, जैसे कि ऑटोपे या ईएमआई भुगतानों को एक ही स्थान पर देखने और नियंत्रित करने की अनुमति देती है। उपयोगकर्ता केवल 'पॉज़' (Pause), 'रिज्यूम' (Resume) या 'रिवोक' (Revoke) जैसे सरल कमांड का उपयोग करके इन मेंडेट्स को प्रबंधित कर सकते हैं।
उपयोगकर्ताओं के लिए मुख्य लाभ: प्रतीक्षा का अंत
यूपीआई हेल्प का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को पारंपरिक कस्टमर केयर लाइनों पर लंबे समय तक इंतजार करने की आवश्यकता को समाप्त करता है। एआई चैट सिस्टम तुरंत और सटीक जानकारी प्रदान करता है, जिससे लेनदेन की स्थिति की जांच करना, शिकायतें दर्ज करना और उनका ट्रैक रखना अत्यंत सरल हो जाता है। विवादों के मामले में, बैंक को सीधे जरूरी डेटा भेजने की सुविधा से समाधान की प्रक्रिया में तेजी आती है। मेंडेट्स को केंद्रीय रूप से नियंत्रित करने का विकल्प भी उपयोगकर्ताओं को वित्तीय प्रबंधन में अधिक शक्ति और सुविधा प्रदान करता है।
यूपीआई हेल्प तक पहुंच और भविष्य की योजना
फिलहाल, इस एआई असिस्टेंट को भाग लेने वाले बैंकों के डिजिटल चैनलों और डिजीसाथी (DigiSathi) प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। एनपीसीआई की योजना आने वाले समय में इसे सीधे मुख्य यूपीआई एप्लीकेशन्स में इंटीग्रेट करने की है। डिजीसाथी के माध्यम से उपयोग करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को Google पर 'DigiSathi UPI' सर्च करके आधिकारिक लिंक पर जाना होगा। वहां, बाईं ओर के 'UPI Help' सेक्शन में जाकर मोबाइल नंबर और कैप्चा के साथ लॉगिन करना होगा। इसके बाद, सीधे एआई असिस्टेंट से संवाद स्थापित किया जा सकता है।
एनपीसीआई का दूरगामी लक्ष्य इस एआई सिस्टम को उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया के आधार पर लगातार सीखने और विकसित करने का है, जिससे इसके समाधान और भी अधिक सटीक और समझदार बन सकें। यह पहल न केवल डिजिटल भुगतानों को अधिक सुरक्षित बनाती है, बल्कि हर आम भारतीय के लिए इसे आसान और भरोसेमंद बनाने की एनपीसीआई के उद्देश्य को भी मजबूती प्रदान करती है। यूपीआई हेल्प भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एक गेमचेंजर साबित हो सकता है।