चांदी के बाजार में इस समय जबरदस्त उथल-पुथल का दौर जारी है। सोमवार को ऐतिहासिक गिरावट दर्ज करने के बाद, मंगलवार को बाजार ने एक बार फिर जोरदार वापसी की है। निवेशकों के लिए यह हफ्ता किसी रोलर-कोस्टर राइड से कम नहीं रहा है। आइए विस्तार से समझते हैं कि बुलियन मार्केट में यह हलचल क्यों मची है और आने वाले दिनों के लिए संकेत क्या हैं।
चांदी की कीमतों में 'यू-टर्न': गिरावट के बाद भारी उछाल
मंगलवार की सुबह चांदी के खरीदारों के लिए राहत और उत्साह लेकर आई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी की कीमतें जो सोमवार को औंधे मुंह गिरी थीं, वे मंगलवार को 12,000 रुपए से अधिक की तेजी के साथ रिकवर होती दिखीं।
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ताजा आंकड़े: कारोबारी सत्र के दौरान चांदी एक समय 2,36,907 रुपए प्रति किलोग्राम तक जा पहुंची।
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बाजार की शुरुआत: सोमवार को चांदी 2,24,429 रुपए पर बंद हुई थी, लेकिन मंगलवार को यह गिरावट जारी रहने के बजाय 2,31,100 रुपए पर मजबूती के साथ खुली।
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रिकॉर्ड से दूरी: हालांकि बाजार में रिकवरी है, लेकिन चांदी अभी भी अपने लाइफ-टाइम हाई (2.54 लाख रुपए) से लगभग 20,000 रुपए सस्ती मिल रही है, जो नए निवेशकों के लिए एक आकर्षक मौका बन गया है।
सोमवार की ऐतिहासिक गिरावट का कारण
सोमवार को चांदी ने इतिहास रचा था जब कीमतें पहली बार 2.54 लाख रुपए के पार निकल गई थीं। लेकिन ऊंचे स्तरों पर निवेशकों ने जबरदस्त 'प्रॉफिट बुकिंग' (मुनाफावसूली) शुरू कर दी। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक मोर्चे पर डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच शांति वार्ता की खबरों ने सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने-चांदी की मांग को अस्थाई रूप से कम कर दिया। नतीजा यह हुआ कि एक ही दिन में चांदी 29,745 रुपए तक गिर गई, जो हाल के वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट थी।
सोने की चमक भी लौटी
चांदी की राह पर चलते हुए सोने की कीमतों में भी मंगलवार को तेजी देखी गई।
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सोमवार को सोना करीब 4,931 रुपए गिरकर 1,34,942 रुपए पर बंद हुआ था।
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मंगलवार को इसमें सुधार हुआ और यह 1,36,044 रुपए प्रति दस ग्राम के इंट्रा-डे हाई पर पहुंच गया।
आगे क्या? क्या कीमतें 2.75 लाख पहुंचेंगी?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार की भारी गिरावट केवल एक 'करेक्शन' था। निवेशकों में चांदी के प्रति जोश अभी कम नहीं हुआ है। जानकारों के अनुसार:
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नया लक्ष्य: अगले कुछ हफ्तों में चांदी की कीमतें 2.75 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर को छू सकती हैं।
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निवेश का मौका: बड़ी गिरावट के बाद कम कीमतों पर खरीदारी (Buying on Dips) बढ़ गई है, जो कीमतों को ऊपर की ओर धकेल रही है।
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वैश्विक कारक: भले ही शांति वार्ता की खबरें हैं, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और औद्योगिक मांग अभी भी चांदी के पक्ष में बनी हुई है।
निष्कर्ष: सोने और चांदी के बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन लंबी अवधि का रुझान (Trend) अभी भी तेजी की ओर इशारा कर रहा है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सतर्क रहें, क्योंकि 2025 का अंत बुलियन मार्केट के लिए बेहद रोमांचक साबित हो रहा है।