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Fact Check: नेपाल में Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने पशुपतिनाथ मंदिर पर नहीं किया हमला, फर्जी वीडियो हो रहा वायरल

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Posted On:Saturday, September 13, 2025

नेपाल में सरकार के खिलाफ जारी जेन-जी विरोध प्रदर्शनों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हैं और प्रदर्शनकारी मंदिर के गेट पर विरोध कर रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ कई लोग दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर का है और प्रदर्शनकारियों ने इस ऐतिहासिक मंदिर को निशाना बनाया है। लेकिन जब इस दावे की जांच की गई तो पाया गया कि यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।

वायरल वीडियो का सच क्या है?

वीडियो की पड़ताल करने पर पता चला कि यह वीडियो मार्च 2025 में पशुपतिनाथ मंदिर के परिसर में आयोजित एक पारंपरिक उत्सव के दौरान का है। यह कोई विरोध प्रदर्शन का वीडियो नहीं है, बल्कि मंदिर के शोभायात्रा या ‘घोडे जात्रा’ नामक धार्मिक आयोजन का हिस्सा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।

जब हमने इस वीडियो को गूगल लेंस और अन्य स्रोतों के जरिए ट्रैक किया, तो पता चला कि वीडियो को ‘Hamro jatra’ और ‘Jatra Bewastapan Samati’ नामक फेसबुक पेजों पर 2025 के मार्च और जुलाई महीनों में भी साझा किया गया था, जो पूरी तरह से धार्मिक कार्यक्रम से जुड़ा है। पशुपतिनाथ मंदिर समिति ने भी स्पष्ट किया है कि इस वीडियो में दिखाया गया मंदिर परिसर वर्तमान में सामान्य और खाली स्थिति में है।

गलत दावे और सोशल मीडिया पर अफवाह

‘अपना प्रदेश न्यूज नेटवर्क’ नामक फेसबुक पेज ने 10 सितंबर को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “अगर गुस्सा सरकार से है, तो निशाना पशुपतिनाथ मंदिर क्यों? यह मंदिर केवल ईंट-पत्थर का बना नहीं है, बल्कि पूरे हिंदू समाज की आस्था और पहचान का प्रतीक है। सरकार के खिलाफ विरोध करना समझ आता है, लेकिन मंदिर के दरवाज़े तोड़ने की कोशिश? असली गुस्सा कहाँ है?” इस तरह के दावे सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने और तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

हालांकि, पशुपतिनाथ मंदिर समिति ने साफ किया है कि मंदिर में कोई हिंसा या प्रदर्शन नहीं हुआ है। मंदिर परिसर में अब तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ या हमले की सूचना नहीं मिली है।

नेपाल में विरोध प्रदर्शन का संदर्भ

नेपाल में वर्तमान में सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जिनका मकसद विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगना है। लेकिन इस तरह के झूठे दावों से विवाद और बढ़ सकता है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स को अफवाहों से बचना और किसी भी वायरल वीडियो या खबर की विश्वसनीयता जांचना आवश्यक है।

निष्कर्ष

नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को लेकर जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह गलत जानकारी पर आधारित है। यह वीडियो मार्च 2025 में हुए एक धार्मिक उत्सव का है, न कि कोई विरोध प्रदर्शन या हिंसा का। ऐसे मामलों में तथ्य की जांच करना बेहद जरूरी है, ताकि गलत सूचनाओं के कारण सामाजिक सौहार्द्र और धार्मिक भावनाओं को नुकसान न पहुंचे। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों को बिना जांचे-परखे फैलाना न केवल गलत है बल्कि यह सामूहिक असमंजस और विवाद की स्थिति भी पैदा कर सकता है।

इसलिए हम सभी को जागरूक होकर सत्यापन के बाद ही कोई जानकारी साझा करनी चाहिए और अफवाहों से दूर रहना चाहिए।


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