हाल ही में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मनोहरलाल धाकड़ का एक वायरल वीडियो सामने आया था जिसमें वे एक महिला के साथ अश्लील हरकत करते हुए दिख रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे, आरोप और तस्वीरें-वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। लेकिन इन दावों में से कई झूठे और भ्रामक हैं, जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
 क्या चल रहा है सोशल मीडिया पर?
वीडियो वायरल होने के बाद फेसबुक, ट्विटर (X), इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर कुछ असंबंधित तस्वीरें और पुराने वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि उनमें दिख रही महिलाएं ही उस वायरल क्लिप की महिला हैं।
उदाहरण के लिए:
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एक फेसबुक यूज़र आरती यादव ने एक युवती की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा:
	"ये है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे वाली धाकड़ छोरी। इन्हीं ने धाकड़ के साथ मिलकर रोड निर्माण का जायजा लिया था।"
	 
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एक अन्य यूज़र ने एक महिला का वीडियो शेयर करते हुए लिखा:
	"भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ के साथ जो महिला थी, ये उसी की वीडियो है।"
	 
इन दावों को हजारों लोगों ने लाइक और शेयर किया, जिससे अफवाहें और तेज़ी से फैलने लगीं।
 पड़ताल: क्या है सच्चाई?
जब वायरल हो रही तस्वीर और वीडियो की बारीकी से जांच की गई, तो सामने आया कि ये दोनों मूल घटना से पूरी तरह असंबंधित हैं।
📷 पहली वायरल तस्वीर:
हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से जांचा और पाया कि यह फोटो ओडिशा की एक छात्रा की है।
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यह तस्वीर एक पर्सनल फेसबुक अकाउंट पर पहले से मौजूद थी।
	 
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जब इस छात्रा से संपर्क किया गया, तो उसने स्पष्ट रूप से कहा कि वह मनोहरलाल धाकड़ केस से बिल्कुल भी जुड़ी नहीं है।
	 
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उसने यह भी बताया कि पहले भी उसकी तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया गया था और अब वह कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
	 
 दूसरा वायरल वीडियो:
जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक पाकिस्तानी ट्रांस महिला का है।
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इस वीडियो को गूगल लेंस और यूट्यूब की जांच में पाया गया कि यह क्लिप 17 अगस्त 2013 को ‘Duniya Mast’ नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था।
	 
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इस वीडियो का मनोहरलाल धाकड़ केस (मई 2025) से कोई संबंध नहीं है।
	 
 निष्कर्ष: दावा पूरी तरह फर्जी और भ्रामक
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही दोनों ही तस्वीरें और वीडियो झूठे और गुमराह करने वाले हैं। इनका न तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे वाली घटना से कोई ताल्लुक है, न ही ये भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ से जुड़ी महिला हैं।
इस तरह की गलत जानकारी न केवल निर्दोष लोगों की छवि खराब करती है, बल्कि जांच प्रक्रिया को भी भ्रमित करती है।
 हमारी सलाह:
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किसी भी खबर या वायरल कंटेंट को जांचे बिना साझा न करें।
	 
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रिवर्स इमेज सर्च और फैक्ट चेकिंग पोर्टल्स (जैसे BOOM, AltNews, PIB Fact Check) का उपयोग करें।
	 
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अगर कोई तस्वीर या वीडियो किसी केस से जोड़कर वायरल हो रहा हो, तो पहले उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करें।
	 
 अंतिम बात:
सोशल मीडिया के इस दौर में जहां एक क्लिक पर खबरें फैल जाती हैं, वहां तथ्य और फेक में अंतर करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। किसी निर्दोष को बदनाम करना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनी अपराध भी है।