मुंबई, 21 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुफिया एजेंसी शिन बेट के चीफ रोनन बार को बर्खास्त कर दिया है। शुक्रवार को कैबिनेट ने नेतन्याहू के फैसले का सर्वसम्मति से समर्थन किया। इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी घोषणा की। हालांकि इजराइल के सर्वोच्च न्यायालय ने रोनन की बर्खास्तगी पर अस्थायी रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि बर्खास्तगी पर तब तक रोक रहेगी जब तक कि इस मामले पर 8 अप्रैल से पहले सुनवाई नहीं हो जाती। इजराइल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकार ने घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख को उसके पद से हटाया है। शिन बेट चीफ के तौर पर रोनन का आखिरी दिन 10 अप्रैल होगा। इससे पहले सरकार ने उनकी बर्खास्तगी के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की थी, जिसे बदल दिया गया है।
रोनन को पद से हटाने के लिए गुरुवार देर रात कैबिनेट की बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक में नेतन्याहू ने कहा, 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद उन्होंने रोनन पर से भरोसा खो दिया। रोनन एजेंसी को फिर से मजबूत करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं। नेतन्याहू ने आरोप लगाया कि हमास के साथ बंधकों की रिहाई से जुड़ी बातचीत में रोनन का नजरिया नरम था और वे आक्रामक नहीं थे। उन्होंने दावा किया किजब से रोनन की जगह शिन बेट के एक दूसरे सीनियर अधिकारी को बातचीत में शामिल किया है, तब से सूचनाओं के लीक होने में भारी कमी आई है और सफल वार्ताओं के जरिए हम बंधकों को छुड़ाने में कामयाब हुए हैं।
कैबिनेट बैठक के दौरान शिन बेट ने मंत्रियों को रोनन का पत्र भेजा। इसमें उन्होंने बैठक में शामिल होने से इनकार करते हुए हुए अपनी बर्खास्तगी को खारिज किया। रोनन ने सरकार के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह शिन बेट के कार्यों को बाधित करने का प्रयास है। रोनन ने पत्र में चेतावनी दी कि नेतन्याहू देश को अंदरूनी और बाहरी स्तर पर कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नेतन्याहू ने उन्हें और मोसाद प्रमुख डेविड बारनेआ को बंधक वार्ता से हटाकर पूरी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उनकी बर्खास्तगी की वजह निजी और संस्थागत हितों के टकराव हैं। यह देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
रोनन बार ने PM नेतन्याहू पर दो प्रमुख आरोप लगाए हैं, रोनन का दावा है कि जनवरी में हुई बंधकों की रिहाई की डील को खुद नेतन्याहू ने तोड़ा और अब उसी को लेकर वे बहाना बना रहे हैं। रोनन बार ने एक और बड़ा खुलासा किया की, वे नेतन्याहू सरकार में कतर के प्रभाव की एक महत्वपूर्ण जांच कर रहे थे। इस जांच के तहत यह देखा जा रहा था कि कतर के पैसे से इजराइली सरकार के फैसलों को कितना प्रभावित किया जा रहा है। रोनन का आरोप है कि नेतन्याहू ने उन्हें इसलिए हटाया ताकि यह जांच पूरी न हो सके।