हाल ही में बजट सत्र में भारत ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 6.21 लाख करोड़ रुपये के बजट से 9.5 फीसदी अधिक है। रिपोर्टों के अनुसार, बजट केंद्र सरकार के कुल व्यय का लगभग 13.4 प्रतिशत है।
बजट घोषणा के बाद भारत के रक्षा बजट की खबर वायरल हो गई और पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत के रक्षा खर्च पर चिंता व्यक्त की, क्योंकि उसका मानना था कि इससे उसकी जनशक्ति और रक्षा उपकरण दोनों मजबूत होंगे।
रिपोर्टों के अनुसार पूर्व पाकिस्तानी रक्षाकर्मी गुलाम मुस्तफा ने बजट पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के लिए सीधा खतरा है।
मुस्तफा के अनुसार, भारत का लक्ष्य खुद को "अखंड भारत" के रूप में स्थापित करना है, जिसका तात्पर्य एकीकृत भारत से है, जिसे वे अफगानिस्तान सहित पड़ोसी देशों के लिए प्रत्यक्ष खतरे के रूप में देखते हैं।
मुस्तफा ने आगे कहा कि भारत इंडोनेशिया से लेकर मलेशिया तक महासागर में अपनी गतिविधियां चला रहा है और भारत ने अपनी नौसैन्य ताकतों को भी मजबूत किया है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि यद्यपि भारत को महासागरों पर कब्जा करने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी वह पाकिस्तान पर नियंत्रण करने के लिए ऐसा करना चाहता है। 2023 में भारत के सशस्त्र बलों में 1.47 लाख से अधिक सैनिक होंगे।