ताजा खबर
Bisalpur Dam : जयपुर को आज मिली सबसे बड़ी खुशखबरी! बीसलपुर बांध में पानी भरने का आज तक का रिकॉर्ड टूट...   ||    अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : अदालत आबकारी नीति मामले में सीबीआई के खिलाफ दिल्ली के मुख...   ||    सीपीएल 2024: तेजतर्रार निकोलस पूरन ने तोड़ा क्रिस गेल का रिकॉर्ड!   ||    Bengal Bandh Today Live News: बीजेपी का 12 घंटे के लिए बंगाल बंद; सरकारी कर्मचारियों को ममता का निर्...   ||    Janmashtami Vrat Katha: वीडियो में देखें भगवान विष्णु ने आधी रात में क्यों लिया कृष्णावतार, जानें जन...   ||    इस महाराजा ने 50,000 रुपए में खरीदी थी विदेशी बीवी, लेकिन शादी में आई ये अड़चन, यहां पढ़े अजब प्रेम ...   ||    Petrol Diesel Price Today: राजस्थान के इस शहर में आज इतना सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, आपके यहां क्या ...   ||    पूर्व PM इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय का निधन, जानिए अनसुना कि...   ||    कोलकाता रेप-मर्डर केस-11 दिन बाद AIIMS डॉक्टरों की हड़ताल खत्म:CJI ने कहा था काम पर लौट आएं, राज्य सर...   ||    क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए हाथ मिलाएंगे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस? राहुल गांधी के दौ...   ||   

Chandrayaan-3: ISRO ने फिर रचा इतिहास; हमारे वैज्ञानिक मिशन मून के प्रोपल्शन मॉड्यूल को ले आए पृथ्वी की कक्षा में वापस

Photo Source :

Posted On:Tuesday, December 5, 2023

इसरो ने इस क्षेत्र में एक और नया इतिहास रचा है। हमारे वैज्ञानिकों ने एक नई उपलब्धि हासिल की है क्योंकि चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम), जो शुरू में चंद्र संचालन के लिए था, सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में वापस आ गया है। इससे हमने दिखाया है कि भारत न केवल चंद्रमा पर वस्तुएं भेज सकता है बल्कि उन्हें वापस भी ला सकता है।' विक्रम (लैंडर) के चंद्रमा पर उड़ान भरने के बाद से यह दूसरी उपलब्धि है, जो चंद्रमा पर इंजनों को फिर से शुरू करने और उपकरणों को नियंत्रित करने की क्षमता का प्रदर्शन करता है। इसरो ने शुरुआत में कोई योजना नहीं बनाई थी.

मिशन मून 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था

आपको बता दें कि 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास सॉफ्ट लैंडिंग करना था और इसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का उपयोग किया जाना था। 23 अगस्त को ऐतिहासिक चंद्रमा पर उतरने के साथ ही यह उद्देश्य पूरा हो गया। इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, 'अक्टूबर 2023 में शुरू होने वाले मुआवजा युद्धाभ्यास में अपोलो की ऊंचाई वृद्धि और ट्रांस-अर्थ इंजेक्शन (टीईआई) युद्धाभ्यास शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने चंद्र प्रभाव क्षेत्र से प्रस्थान करने से पहले चार चंद्र उड़ानें पूरी कीं।

ऑपरेशनल सैटेलाइट्स को अब कोई खतरा नहीं है

वैज्ञानिक सूत्रों के मुताबिक, 22 नवंबर को अपनी पहली कक्षा पूरी करने के बाद यह फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में है। वर्तमान कक्षीय भविष्यवाणियों के आधार पर परिचालन उपग्रहों को कोई खतरा नहीं है। पृथ्वी अवलोकन के लिए डिज़ाइन किया गया PM पर SHAPE पेलोड, योजना के अनुसार काम करना जारी रखता है। इसरो ने कहा, 'वटवाना युद्धाभ्यास के प्रमुख परिणामों में चंद्रमा से पृथ्वी पर संक्रमण के लिए प्रक्षेपवक्र योजना, युद्धाभ्यास योजना के लिए सॉफ्टवेयर मॉड्यूल विकास, गुरुत्वाकर्षण-सहायता वाले फ्लाईबीज़ का कार्यान्वयन और मलबा उत्पादन मानदंडों को पूरा करने के लिए अनियंत्रित दुर्घटनाओं से बचना शामिल है।'


इन्दौर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. indorevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.