ताजा खबर
Bisalpur Dam : जयपुर को आज मिली सबसे बड़ी खुशखबरी! बीसलपुर बांध में पानी भरने का आज तक का रिकॉर्ड टूट...   ||    अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : अदालत आबकारी नीति मामले में सीबीआई के खिलाफ दिल्ली के मुख...   ||    सीपीएल 2024: तेजतर्रार निकोलस पूरन ने तोड़ा क्रिस गेल का रिकॉर्ड!   ||    Bengal Bandh Today Live News: बीजेपी का 12 घंटे के लिए बंगाल बंद; सरकारी कर्मचारियों को ममता का निर्...   ||    Janmashtami Vrat Katha: वीडियो में देखें भगवान विष्णु ने आधी रात में क्यों लिया कृष्णावतार, जानें जन...   ||    इस महाराजा ने 50,000 रुपए में खरीदी थी विदेशी बीवी, लेकिन शादी में आई ये अड़चन, यहां पढ़े अजब प्रेम ...   ||    Petrol Diesel Price Today: राजस्थान के इस शहर में आज इतना सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, आपके यहां क्या ...   ||    पूर्व PM इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय का निधन, जानिए अनसुना कि...   ||    कोलकाता रेप-मर्डर केस-11 दिन बाद AIIMS डॉक्टरों की हड़ताल खत्म:CJI ने कहा था काम पर लौट आएं, राज्य सर...   ||    क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए हाथ मिलाएंगे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस? राहुल गांधी के दौ...   ||   

पितृ पक्ष हिन्दू धर्म में क्यों है जरुरी, आप भी जानें क्या होता है तुलसी पूजा

Photo Source :

Posted On:Thursday, September 12, 2024

मुंबई, 12 सितंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)   हिंदू धर्म में पितृ पक्ष दिवंगत पूर्वजों के सम्मान और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए समर्पित है। यह भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है, जो पूर्णिमा का दिन है, जो पितृ पक्ष श्राद्ध का प्रतीक है। भाद्रपद पूर्णिमा से कार्तिक अमावस्या तक मनाया जाने वाला यह 15-16 दिवसीय त्योहार है। लोग श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और अन्य अनुष्ठान करते हैं। श्राद्ध अनुष्ठानों में भोजन और जल अर्पित करना और पूर्वजों से प्रार्थना करना शामिल है। ऐसा करने से दिवंगत आत्माओं को शांति और मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है। 

अनुष्ठान आमतौर पर सबसे बड़े बेटे या परिवार के पुरुष सदस्य द्वारा किए जाते हैं। इस साल यह 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। चूंकि पितृ पक्ष को पूर्वजों के लिए शोक का समय माना जाता है, इसलिए कई लोग आश्चर्य करते हैं कि क्या इन दिनों के दौरान तुलसी पूजा की जा सकती है। ऐसे में भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे पितृ पक्ष के दौरान तुलसी पूजा के महत्व और इसकी आवश्यकता को बताकर भ्रम को दूर कर रहे हैं। 

पितृ पक्ष के दौरान पितरों की शांति के लिए कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इन दिनों में तुलसी की पूजा भी की जा सकती है, इसकी मनाही नहीं है। बल्कि पितृ पक्ष में तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान तुलसी का पौधा सकारात्मकता प्रदान करता है। इस दौरान तुलसी की पूजा करने से हमारे पूर्वजों की मृत आत्माओं को शांति मिलती है। माना जाता है कि इससे हमारे नाराज पूर्वज शांत होते हैं। इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पितृ पक्ष हमारे पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन दिनों तुलसी की पूजा करने से आपके मृत पूर्वजों को अपने कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह पितृ पक्ष से मुक्ति पाने का भी समय है। भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा। उदया तिथि के आधार पर भाद्रपद पूर्णिमा स्नान और दान 18 सितंबर को होगा।

पितृ पक्ष के दौरान प्रत्येक अनुष्ठान का महत्व होता है। पितृ पक्ष के 16 दिनों में श्राद्ध कर्म के दौरान पूजा-पाठ के साथ ही नियमित रूप से दीपक जलाने का भी महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है।


इन्दौर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. indorevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.