मुंबई, 14 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी के प्रति जिस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल किया, उसके बाद उसे सरकार में रहने का कोई हक नहीं है। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पूरे ऑपरेशन की जानकारी देश को दी। वे बेहतरीन काम कर रही है। सोफिया कुरैशी के लिए जिस तरह अनादर दिखाया। उस पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब की यात्रा पर गए और वहां एक बार फिर उन्होंने साफ कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम उनकी तरफ से कराया गया। बार-बार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बयान दे रहे हैं, उसका सटीक और स्पष्ट उच्च स्तरीय लेवल पर कोई खंडन नहीं किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अब तक जितने बयान दिए, उन्होंने एक बार भी पाकिस्तानी आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। पाकिस्तान का तो रिकॉर्ड रहा है, इसने आतंकवाद को पाला पोसा। हमारे 26 निहत्थे सैलानियों को मौत के घाट उतारा गया।
पायलट ने आगे कहा, पाकिस्तान परस्त आतंकवाद का जिक्र नहीं करके ट्रंप ने बेवजह कश्मीर मसले को हवा देने का काम किया। जो मसला द्विपक्षीय है, उसका अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। पाकिस्तान चाहता है, कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण हो। आपको याद होगा 1994 में कांग्रेस की सरकार में संसद में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित हुआ था कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है। आज भी जम्मू कश्मीर की विधानसभा में पीओके की विधानसभा सीट खाली रहती है। संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए। जो कुछ घटा उस पर चर्चा हो। 1994 का जो प्रस्ताव था, उसे संसद का विशेष सत्र बुलाकर फिर से पारित करवाया जाए। क्योंकि लगातार संभावनाएं बन रही है कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीयकरण किया जा रहा है। यह अमेरिका बोल रहा है कि हिंदुस्तान पाकिस्तान की मीटिंग करवाएंगे। भारत की दशकों पुरानी नीति रही है कि यह मामला द्विपक्षीय है। 1994 में जो प्रस्ताव पारित किया था। उसको दोबारा पारित करने का समय आ गया, ताकि पूरा विश्व देख सके कि देश एकजुट है। उन्होंने यह भी कहा, हमारी सेना ने जिस बहादुरी से जवाब दिया है। उसकी सब तारीफ करते हैं। लेकिन ट्रंप ने जिस तरह सीजफायर की घोषणा की वह अप्रत्याशित था। पिछले 25 साल में भारत की तुलना चीन से हो रही थी और होने भी चाहिए। पाकिस्तान जो एक फेल्ड स्टेट है, उसकी तुलना भारत से हो रही है। इस घटना से एक सीख मिली है कि आने वाले समय में जो आईएमएफ का लोन मिला है क्या उसका आतंकवाद बढ़ाने में इस्तेमाल नहीं होगा? आतंकी ट्रेनिंग कैंप बनाए हुए हैं क्या वह दोबारा नहीं बन पाएंगे, इसकी क्या गारंटी है।