मुंबई, 05 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने आवास पर सिंदूर का पौधा रोपा। यह पौधा उन्हें 25-26 मई को गुजरात दौरे के दौरान कच्छ में 1971 के भारत-पाक युद्ध में बहादुरी दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने भेंट किया था। इस पौधे को प्रतीकात्मक रूप से ऑपरेशन सिंदूर से भी जोड़ा जा रहा है, जो हाल ही में हुए आतंकवाद विरोधी अभियान का नाम था। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब भारत ने 7 मई को दिया था, जब पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर सेना ने करीब 100 आतंकियों को ढेर किया। इस निर्णायक जवाबी कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था, जिससे यह पौधा एक मजबूत राष्ट्रीय प्रतीक बन गया है। आपको बता दें, सिंदूर का पौधा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शक्ति और शुभता का प्रतीक होता है और आमतौर पर मंदिरों और घरों में लगाया जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से भी यह पौधा उपयोगी है और इसकी देखभाल करना आसान होता है।
प्रधानमंत्री मोदी 26-27 मई को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर थे। भुज में उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए सख्त शब्दों में कहा था कि भारत पर आंख उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और यदि शांति से रहना है तो अपने हिस्से की रोटी खाओ, नहीं तो उनकी गोली तैयार है। वहीं, विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में पौधा लगाकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को भी आगे बढ़ाया। इसी अवसर पर उन्होंने अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की शुरुआत की। यह परियोजना गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में फैली अरावली पर्वत श्रृंखला के आसपास पांच किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसका मकसद न केवल बंजर भूमि को उपजाऊ बनाना है, बल्कि थार रेगिस्तान के फैलाव को भी रोकना है। इस अभियान के तहत एक हजार नर्सरियों की स्थापना की जाएगी और पौधों की निगरानी 'मेरी लाइफ' पोर्टल के जरिए की जाएगी।