मानसून की शुरुआत होते ही देश के पूर्वी तटीय इलाकों में एक भयंकर चक्रवात 'शक्ति' बन रहा है, जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर से होकर गुजर सकता है। यह तूफान अंडमान सागर से होते हुए केरल में मानसून के साथ प्रवेश कर सकता है। अगर यह चक्रवात पूरी तरह सक्रिय हुआ तो इसका असर ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और बांग्लादेश के खुलना और चटगांव क्षेत्रों पर भी पड़ सकता है।
चक्रवात 'शक्ति' कब और कहाँ हो सकता है असर?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, अंडमान सागर में 16 से 18 मई के बीच एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन विकसित होगा, जो 22 मई तक निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। यह सिस्टम 23 से 28 मई के बीच चक्रवात 'शक्ति' के रूप में सक्रिय हो सकता है।
IMD ने चेतावनी दी है कि इस दौरान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके तथा बांग्लादेश के कुछ हिस्से बाढ़, तूफानी हवाओं और भारी बारिश की चपेट में आ सकते हैं।
मानसून की प्रगति और अन्य प्रभावित क्षेत्र
2025 के इस मानसून ने दक्षिणी बंगाल की खाड़ी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में 13 मई तक एंट्री कर ली है। यह पिछले 7 साल में समय से पहले बंगाल की खाड़ी में मानसून का पहला प्रवेश है।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश जैसे उत्तर भारत के क्षेत्रों में मई के मध्य तक गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं दक्षिणी और मध्य भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़ में भी प्री-मानसून बारिश हो सकती है।
IMD की सलाह और सतर्कता
भारतीय मौसम विभाग ने चक्रवात 'शक्ति' के संभावित प्रभाव को देखते हुए तटीय इलाकों के लोगों से सतर्क रहने और मौसम अपडेट पर नजर रखने की अपील की है।
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यात्रा की योजना बनाते समय सावधानी बरतें।
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जरूरी सामान जैसे पीने का पानी, पावर बैंक, स्नैक्स, दवाइयां आदि साथ रखें।
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स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
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विशेषकर ग्रामीण और बाढ़ प्रभावित इलाकों से गुजरते समय सतर्कता रखें।
निष्कर्ष
मानसून की शुरुआत के साथ ही आए इस चक्रवात 'शक्ति' से पूर्वी तट और आसपास के क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए सभी नागरिकों को सावधानी बरतते हुए मौसम की जानकारी पर लगातार नजर रखनी होगी।