रमजान माह के समापन पर जुमे की नमाज के दौरान देश के कई स्थानों पर मुस्लिम समुदाय ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देशभर के मुसलमानों से काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने का आह्वान किया था। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, संभल, गोरखपुर, अलीगढ़ और अन्य जिलों में विरोध स्वरूप लोगों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण ढंग से नमाज अदा की। इस दौरान पुलिस प्रशासन सतर्क रहा, जिससे शांति व्यवस्था बनी रही।
ईद के बाद लोकसभा में वक्फ विधेयक पर चर्चा संभव
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार एक अप्रैल के बाद वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश कर सकती है। सरकार ने एनडीए के घटक दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुरोध पर ईद तक इस विधेयक को टालने का फैसला किया है।
नीतीश कुमार की छवि को लेकर चिंता
हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी का कई मुस्लिम संगठनों और उलेमाओं ने बहिष्कार किया था। इसके बाद से नीतीश कुमार अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं। इफ्तार पार्टी के एक दिन बाद बिहार में मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जहां नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। इस बीच, देशभर में इस विधेयक के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। हालांकि, भाजपा का दावा है कि विधेयक को अंतिम रूप दे दिया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव पर विधेयक का प्रभाव
जेडीयू शुरू से ही सैद्धांतिक रूप से वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में रही है। पार्टी ने यह भी कहा है कि इसमें बिहार के अल्पसंख्यकों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया गया है। बावजूद इसके, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को आशंका है कि इस विधेयक का असर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
विधेयक पर चर्चा में देरी
लोकसभा सचिवालय ने हाल ही में वक्फ विधेयक पर सभी दलों के सांसदों के लिए एक कार्यशाला आयोजित करने की घोषणा की थी, लेकिन यह बैठक अंतिम समय में रद्द कर दी गई। सरकारी सूत्रों के अनुसार, विधेयक पर चर्चा में कुछ और समय लग सकता है, और इसे इस सत्र की बजाय अगले सत्र में पेश किया जा सकता है। वहीं, विपक्षी दल इस विधेयक का पुरजोर विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा और एनडीए की चुप्पी
वक्फ संशोधन विधेयक की आधिकारिक रूप से घोषणा कब होगी और इसमें हो रही देरी का कारण क्या है, इस पर भाजपा और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों ने चुप्पी साध रखी है। केंद्र सरकार इस देरी का कारण संसद में अन्य विधायी कार्यों को बता रही है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, एनडीए सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम समुदाय से वादा किया है कि वह वक्फ संपत्ति की रक्षा करेंगे।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देश में विरोध बढ़ता जा रहा है। सरकार इसे ईद के बाद पेश करने की योजना बना रही है, लेकिन राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए इसमें और भी देरी हो सकती है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया इस विधेयक की दिशा तय कर सकती है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाती है और विपक्षी दल किस हद तक इसका विरोध करते हैं।