तेलंगाना न्यूज डेस्क !! कांग्रेस का तेलंगाना चुनाव महासमर. चन्द्रशेखर राव और उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति को मात देती दिख रही है। अब तक के रुझानों में कांग्रेस पार्टी बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है. वहीं, बीआरएस 40 सीटों पर सिमट गई है। राज्य में बीजेपी के लिए भी अच्छे संकेत हैं. पार्टी ने इस बार अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और 8 सीटों पर आगे चल रही है. पिछली बार बीजेपी को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली थी.
भारत राष्ट्र समिति प्रमुख के. चन्द्रशेखर राव पिछले 10 साल से सत्ता में हैं. उनका हैट्रिक का सपना टूटता नजर आ रहा है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में भी यह बात सामने आई थी कि तेलंगाना में सत्ता विरोधी लहर है। ऐसे में केसीआर के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. एग्जिट पोल सच साबित होते नजर आ रहे हैं. सत्ता विरोधी लहर विशेष रूप से तेलंगाना के दक्षिण, मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में मजबूत है, हालांकि हैदराबाद में यह बहुत प्रभावी नहीं है।
तेलंगाना में कांग्रेस कार्यकताओं ने जश्न मनाना शुरू किया
कांग्रेस समर्थकों ने हैदराबाद में राज्य पार्टी प्रमुख रेवंत रेड्डी के आवास के बाहर पटाखे फोड़े. नवीनतम रुझानों के अनुसार, राज्य में कांग्रेस 64 सीटों, बीआरएस 41 सीटों और भाजपा 7 सीटों पर आगे चल रही है.
तेलंगाना में लोग बीआरएस से छुटकारे के लिए बदलाव चाह रहे थे: के. लक्ष्मण
बीजेपी सांसद के. लक्ष्मण ने कहा, 'तेलंगाना में लोग बदलाव चाह रहे थे. बीआरएस द्वारा भ्रष्टाचार, वंशवाद की राजनीति और तुष्टिकरण की राजनीति तीन मुख्य मुद्दे थे जिन्होंने लोगों को प्रभावित किया... शुरुआती गिनती में कांग्रेस कई जगहों पर आगे चल रही है. लेकिन मेरा मानना है कि बीजेपी अहम भूमिका निभाएगी.'
ईवीएम के वोटों की गिनती में भी कांग्रेस की बीआरएस पर बढ़त बरकरार
तेलंगाना में पोस्टल बैलेट के बाद अब ईवीएम खुल चुके हैं. ईवीएम के वोटों की गिनती में भी कांग्रेस ने बीआरएस पर अपनी बढ़त बरकरार रखी है. तेलंगाना की 119 सीटों में से 103 के रुझान सामने आए हैं, जिनमें कांग्रेस पार्टी 61, बीआरएस 34 और भाजपा 6 सीटों पर आगे चल रही है.
तेलंगाना के शुरुआती रुझान में कांग्रेस पार्टी ने बीआरएस पर बनाई बड़ी बढ़त
तेलंगाना के शुरुआती रुझान में कांग्रेस पार्टी ने भारत राष्ट्र समिति पर बड़ी बढ़त बना ली है. अब तक जिन 84 सीटों के रुझान सामने आए हैं, उनमें कांग्रेस 52, बीआरएस 26 और भाजपा 5 सीटों पर आगे चल रही है.
कामारेड्डी में सीएम केसीआर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंती रेड्डी से पीछे चल रहे हैं
खम्मम जिले की असवराओपेट सीट पर कांग्रेस ने पहली बार जीत हासिल की है. तीसरे दौर की गिनती के बाद, कांग्रेस उम्मीदवार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी कामारेड्डी में 2,585 वोटों से आगे चल रहे हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री केसीआर पीछे चल रहे हैं.
विधायक तोड़ना केसीआर का मुख्य एजेंडा: किरण चमाला
हैदराबाद के ताज कृष्णा में खड़ी बसों पर, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष किरण कुमार चमाला ने कहा, 'आप सभी केसीआर की कार्यशैली को जानते हैं, विधायक तोड़ना उनका मुख्य एजेंडा है. इसलिए, हमने कुछ उपाय किए हैं, लेकिन आज परिणाम, रुझान और सब कुछ देखने के बाद ऐसी गतिविधि की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि कम से कम हमारे पास 80 से अधिक सीटें होंगी. आज हम बहुत खुश हैं.'
तेलंगाना में कांग्रेस वर्कर्स मना रहे जश्न, भाजपा के लिए भी अच्छे संकेत
तेलंगाना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है. अब तक के रुझानों में कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार लिया है. बीआरएस 37 सीटों पर सिमट गई है, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर आगे चल रही है. राज्य में भाजपा के लिए भी अच्छे संकेत सामने आ रहे हैं. भगवा पार्टी 8 सीटों पर आगे है. बीजेपी पिछली बार सिर्फ 1 सीट जीत सकी थी.
एकजुट कांग्रेस के खिलाफ देश की कोई ताकत खड़ी नहीं हो सकती: रेणुका चौधरी
तेलंगाना में कांग्रेस की बढ़त पर रेणुका चौधरी ने कहा, 'मैं एक साल से अधिक समय से कह रही थी, क्योंकि हमने जनता की नब्ज को पहचानी थी. हम समझ गए थे कि बड़ा बदलाव आने वाला है और वही हो रहा है...जीत हमारी होगी, मुझे पूरा विश्वास है. लोग बीआरएस से थक चुके थे. बीजेपी और बीआरएस एक हैं- ये बात सभी समझ गए. वे एआईएमआईएम की खतरनाक भूमिका को भी समझते हैं. मुझे लगता है कि इस खेल में सबसे बड़ा नुकसान AIMIM, औवेसी को हुआ है. राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने जो गलत कदम उठाया उसके पीछे का सच लोगों को समझ में आ गया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि मैंने हमेशा उन्हें एक बुद्धिमान व्यक्ति माना है...जब कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ती है, तो देश की कोई भी ताकत हमारे खिलाफ खड़ी नहीं हो सकती.'
तेलंगाना में कांग्रेस तोड़ती दिख रही केसीआर के हैट-ट्रिक का सपना
के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 2014 से सत्ता में है, जब तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अगल राज्य का दर्जा दिया गया था और उसने 2018 का चुनाव भी जीता था. केसीआर इस बार हैट-ट्रिक की उम्मीद कर रहे थे. कांग्रेस ने लगभग एक दशक पुरानी सत्ताधारी पार्टी को सत्ता से हटाने के उद्देश्य से एक उत्साही चुनाव अभियान चलाया था, जबकि भाजपा ने भी सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ बिना किसी रोक-टोक के हमला किया था.