भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार, 9 दिसंबर का दिन चावल कंपनियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन जैसे ही बाजार खुला, राइस सेक्टर के शेयरों में भारी बिकवाली शुरू हो गई। शुरुआती कारोबार में ही कई बड़ी चावल कंपनियों के शेयर 8 से 10 फीसदी तक टूट गए। इस गिरावट के पीछे एक ही वजह है—अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ संकेत वाला बयान। ट्रंप ने सोमवार को स्पष्ट किया कि एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स के आयात पर नया टैरिफ लगाया जा सकता है, जिसमें भारत से आने वाला चावल मुख्य चिंता का विषय है। इसी घोषणा का सीधा असर मंगलवार को ट्रेडिंग सत्र में देखने को मिला, जिसके चलते चावल सेक्टर में घबराहट का माहौल बन गया।
चावल कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट
मार्केट खुलते ही निवेशक सतर्क हो गए और राइस सेक्टर से निवेश निकालने लगे। नतीजा यह हुआ कि प्रमुख चावल कंपनियों के शेयर लाल निशान पर कारोबार करने लगे।
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KRBL Ltd. – 10% तक की गिरावट
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LT Foods (दावत ब्रांड) – 9 से 10% की गिरावट
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GRM Overseas – 10% तक फिसलावट
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Kohinoor Foods – लगभग 10% की गिरावट
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Chaman Lal Setia Exports – करीब 5% तक नुकसान
पूरे राइस सेक्टर में एक ही दिन में करोड़ों रुपये निवेश का नुकसान हुआ। निवेशक अभी अमेरिकी नीति को लेकर और बयान या निर्णय की प्रतीक्षा में हैं।
ट्रंप का बयान: अमेरिकी किसानों को संकट
ट्रंप ने अपने बयान में साफ कहा कि भारत, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों से सस्ते दामों पर आने वाले चावल ने अमेरिका में कीमतों को नीचे धकेल दिया है। अमेरिकी किसान चावल की गिरती कीमतों से परेशान हैं और आयातित चावल अमेरिकी बाजार में ‘डंपिंग’ का दबाव बना रहे हैं।
ट्रंप के मुख्य बिंदु:
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आयातित चावल अमेरिकी किसानों की कमाई कम कर रहा है
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भारत और एशियाई देशों से आने वाले चावल की कीमत अमेरिकी उत्पाद से कम
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किसानों को राहत देने के लिए 12 अरब डॉलर राहत पैकेज की घोषणा
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अब आयात पर नया टैरिफ लगाने के संकेत
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार घरेलू किसानों के हितों को सबसे पहले रखेगी और आयातित कृषि उत्पादों पर कड़े कदम उठाएगी।
इंडियन राइस एक्सपोर्ट पर संभावित प्रभाव
भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देशों में से है। बीते कुछ वर्षों में भारतीय बासमती और नॉन-बासमती चावल की अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया में डिमांड लगातार बढ़ी है। नई टैरिफ नीति लागू होती है तो इसका कई स्तर पर प्रभाव होगा:
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निर्यात महंगा होगा – अमेरिकी मार्केट में भारतीय चावल की कीमत प्रतिस्पर्धा खो सकती है
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ऑर्डर में कमी – अमेरिकी आयातक स्थानीय और अन्य देशों की ओर रुख कर सकते हैं
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स्टॉक मार्केट पर दबाव – राइस सेक्टर में बिकवाली का दौर जारी रह सकता है
विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट केवल शुरुआत है। यदि अमेरिका ने औपचारिक तौर पर टैरिफ लागू कर दिया, तो निवेशकों का भरोसा और प्रभावित होगा।