भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 9 अप्रैल 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों (bps) की कटौती का ऐलान किया। रेपो रेट में इस कटौती के बाद, देशभर के बैंकों ने अपने डिपॉजिट प्रोडक्ट्स, खासकर सेविंग अकाउंट्स और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में बदलाव करना शुरू कर दिया है।
प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंक जैसे ICICI, HDFC, एक्सिस, यस और कोटक महिंद्रा बैंक ने सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती की है। लेकिन, अभी भी कुछ बैंक ऐसे हैं जो अन्य की तुलना में अधिक आकर्षक ब्याज दर दे रहे हैं। यहां हम जानते हैं किस बैंक में कितनी ब्याज दर मिल रही है।
1. ICICI बैंक
देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI ने सेविंग अकाउंट्स पर मिलने वाली ब्याज दरों में 25 bps की कटौती की है।
ब्याज की गणना डेली क्लोजिंग बैलेंस के आधार पर की जाती है।
2. HDFC बैंक
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC ने 12 अप्रैल, 2025 से नई दरें लागू की हैं।
इसमें भी ब्याज की गणना डेली बैलेंस के आधार पर होती है।
3. एक्सिस बैंक (Axis Bank)
एक्सिस बैंक ने भी सेविंग अकाउंट पर ब्याज में कटौती की है।
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₹50 लाख से कम: 2.75% प्रति वर्ष
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₹50 लाख से ₹2000 करोड़ तक: 3.25% प्रति वर्ष
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₹2000 करोड़ से अधिक के खातों पर: Overnight MIBOR + 0.70%
नई ब्याज दरें 15 अप्रैल, 2025 से लागू हो चुकी हैं।
4. यस बैंक (Yes Bank)
यस बैंक, तुलनात्मक रूप से, अभी भी सबसे आकर्षक ब्याज दरों में से एक प्रदान कर रहा है।
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₹10 लाख तक: 3% प्रति वर्ष
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₹10-25 लाख: 3.50% प्रति वर्ष
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₹25-50 लाख: 4% प्रति वर्ष
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₹50 लाख से ₹100 करोड़ तक: 5% प्रति वर्ष
नई दरें 21 अप्रैल, 2025 से प्रभावी हैं।
5. कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
कोटक बैंक भी प्रतिस्पर्धी दरें दे रहा है, हालांकि कुछ कमी के बाद भी यह अन्य प्रमुख बैंकों से बेहतर है।
कौन सा बैंक बेहतर विकल्प है?
अगर केवल ब्याज दर के आधार पर देखें, तो यस बैंक सबसे आगे नजर आता है। खासतौर पर जिन ग्राहकों का सेविंग अकाउंट बैलेंस ₹25 लाख से ऊपर है, उन्हें यस बैंक में 4% से 5% तक की दर से ब्याज मिल सकता है। वहीं, ICICI, HDFC और Axis जैसे बैंक अब सिर्फ 2.75% से 3.25% की दर पर ब्याज दे रहे हैं, जो काफी कम है।
हालांकि, ब्याज दर के अलावा ग्राहकों को बैंक की सुरक्षा, सेवाएं, ब्रांच नेटवर्क, डिजिटल अनुभव और ग्राहक सेवा जैसे पहलुओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। यस बैंक भले ही ज्यादा ब्याज दे रहा हो, लेकिन बीते कुछ सालों में इसके वित्तीय हालात उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं।
निष्कर्ष
रेपो रेट में कटौती के बाद सेविंग अकाउंट पर ब्याज कम होना एक सामान्य प्रक्रिया है, और यह रुझान आने वाले महीनों में भी जारी रह सकता है। अगर आप बेहतर ब्याज दर की तलाश में हैं, तो आपको ब्याज के साथ-साथ बैंक की विश्वसनीयता और सेवाओं का भी मूल्यांकन करना चाहिए।
लघु सलाह:
यदि आपकी सेविंग्स अधिक हैं और आप केवल ब्याज के आधार पर खाता खोलना चाहते हैं, तो यस बैंक और कोटक बैंक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। लेकिन लॉन्ग टर्म सुरक्षा के लिहाज से HDFC, ICICI जैसे बैंक अभी भी भरोसेमंद विकल्प बने हुए हैं।